TIL Desk नई दिल्ली/ चुनाव आयोग(ईसी) ने 200 राजनीतिक दलों को अपनी लिस्ट से बाहर कर दिया है। जो किसी भी तरह के चुनावो में भाग नहीं लेते थे | जिसकी जानकारी देने के लिए चुनाव आयोग जल्द ही सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) को लेटर लिखेगा और उन पर कार्रवाई के लिए कहेगा। आयोग का मानना है कि ये राजनीतिक दल महज कागज पर ही मौजूद हैं। और इन पार्टियों ने कोई भी चुनाव नहीं लड़ा है |
इन पार्टियों का लंबे वक्त से कोई फाइनेंशियल रिकॉर्ड नहीं रहा है। ऐसे में सीबीडीटी उनपर नजर रखने में अहम रोल निभाएगा। इससे ये संदेश में जाएगा कि राजनीतिक दल बनाकर ब्लैक मनी खपाने का तरीका कारगर साबित नहीं होगा। बीते कुछ सालों से चुनाव आयोग राजनीतिक दलों के खर्च में ट्रांसपेरेंसी लाने के लिए नियमों में बदलाव चाह रहा था। कुछ दिन पहले चुनाव आयोग ने आर्टिकल 324 के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करने का फैसला किया। इसके तहत चुनाव आयोग सभी इलेक्शन में प्रक्रिया को कंट्रोल कर सकता है। आर्टिकल 324 के तहत मिली शक्तियों के तहत ही आयोग ने 200 राजनीतिक दलों को बाहर किया है।
देश के अंदर जो राजनीतिक दल है उनमे 7 राष्ट्रीय दल देश में इस वक्त 7 राष्ट्रीय दल (बीजेपी, कांग्रेस, बीएसपी, टीएमसी, सीपीआई, सीपीएम और एनसीपी), 58 क्षेत्रीय दल हैं। 1786 रजिस्टर्ड पार्टियां ऐसी हैं जिनकी कोई पहचान नहीं है। मौजूदा नियमों के मुताबिक, चुनाव आयोग को किसी राजनीतिक दल का रजिस्ट्रेशन करने का तो अधिकार है लेकिन उन्हें हटाने का कोई अधिकार नहीं है ।