TIL Desk #Election तीन सौ से भी पार सीटें जीतने का दावा करने वाली भाजपा अब पाँचवें चरण का मतदान होने के बाद “हंग असेम्बली” का संकेत देने लगी है | मुख़्तार अंसारी के गढ़ में पीएम् नरेंद्र मोदी ने यह ज़िक्र तो किया पर त्रिशंकु विधानसभा का ठीकरा सपा व् बसपा पर ही फोड़ा | भाषणबाजी की कला में माहिर मोदी ने यह बात चुनावी सभा में उस वक़्त कही जब पांचवे चरण के लिए वोट डाले जा रहे थे | 403 सीटों वाली यूपी विधानसभा में चुनाव परिणाम “त्रिशंकु” रहेंगे, तो उन्होंने सावधानी से कहा साथ ये जुमला भी जोड़ दिया कि ऐसी अफवाह सपा व् बसपा जैसे राजनैतिक दल फैला रहे हैं | इसलिए भाजपा को पूर्ण बहुमत कि सरकार बनाने का मौका दें | जबकि अभी तक सपा-कांग्रेस गठबंधन के नेता अखिलेश व् राहुल तीन सौ से भी ज्यादा सीटें जीतने का ही दावा कर रहें हैं | इधर मायावती भी लोगों को यह बता रहीं हैं कि बसपा अकेले के दम पर सरकार बनाएगी |
राजनीतिक विश्लेषकों कि मानें तो कोई भी पार्टी या उसके कार्यकर्ता भले ही अपने दल कि सरकार बनने या उसकी लहर होने का दावा करें लेकिन पांच चक्र मतदान पूरा हो जाने तक मतदाता ने जो ख़ामोशी धारण कर रखी हैं उसने हर दल के दिग्गजों को हैरानी में डाल रखा हैं | 2017 के चुनाव का वोटर किसी को भी यह आभास नहीं होने दें रहा है कि उसका रुझान आख़िर है क्या ? न्यूज़ चैनलों के रिपोर्टर भी माहौल क्या है का जायज़ा ले रहें है | किन्तु उन्हें भी कोई लहर या हवा बहती नहीं दिख रही | हाँ, हर व्यक्ति विकास कि बात ज़रूर कहता है | अंदरख़ाने कि मानें तो आर एस एस कि सर्वे विंग ने जो रिपोर्ट दी है वह चौकाने वाली है, सूत्र बताते है कि रिपोर्ट में यूपी के जो हालात बयां किये गए है उसमे भाजपा कि स्थिति बहुत अच्छी नहीं कही गयी | शायद यही कारण है कि मोदी ने अब छठवें व् सातवें चरण के लिए अपने प्रचार में “हंग असेम्बली” के संकेत दें डाले हैं | साथ ही यह भी कह दिया कि ऐसी अफवाह सपा व् बसपा फैला रहीं हैं | यदि भाजपा के उस दावें को सच माना जाए कि वह तीन सौ से ही ज्यादा सीटें जीत कर उत्तर प्रदेश में सरकार बना रही है तो त्रिशंकु विधानसभा का जुमला उछालने कि ज़रूरत ही आख़िर क्यों आन पड़ी | कोई भी वोटर भले ही वह अनपढ़ हो आसानी से समझ सकता है कि मिली जुली सरकार कि बात करने का मतलब आप अपनी कमजोरी समझ चुके हो | और बात भी कोई दोयम दर्जे का नेता नहीं बल्कि ख़ुद प्रधानमंत्री कह रहें हों तो कुछ तो उसमे दम माना ही जाता है |
बताते चलें कि अब तक सपा-कांग्रेस गठबंधन या बसपा के किसी भी छोटे-बड़े नेता ने “हंग असेम्बली” की बात कहीं भी किसी मंच पर नहीं कही तो फिर आख़िर मोदी के मुहँ से ऐसी हताशा भरी बात क्यों | क्या संघ की सर्वे रिपोर्ट यदि कोई तैयार हुई है पर आधारित यह हताशा है तो भाजपा के लिए चिंता की बात ज़रूर है | अपने मुंह मियां मिट्ठू तो सभी पार्टियां बन रहीं है पर यह तथ्य भी पूरी तरह सच है की मतदाता की ख़ामोशी हर किसी को बेचैन किये है जो परिणाम वाले दिन 11 मार्च को ही टूटेगी |