पटना डेस्क/ बिहार स्कूल परीक्षा बोर्ड (बीएसईबी) के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह, उनकी पत्नी उषा सिन्हा और पांच अन्य को इंटरमीडिएट टॉपर घोटाले के सिलसिले में मंगलवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया। विशेष सतर्कता न्यायाधीश राघवेंद्र कुमार सिंह ने आदेश जारी किया। सातों को उनकी अदालत में पेश किया गया था। इस मामले में जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून, 1988 के प्रावधानों के तहत उनके खिलाफ आरोप दर्ज किये थे।
लालकेश्वर और पूर्व जदयू विधायक उषा के साथ प्रभात जायसवाल को घोटाले के सिलसिले में एक दिन पहले वाराणसी से गिरफ्तार किया गया था। उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर आज पटना लाया गया। जायसवाल ने दोनों को एक हफ्ते तक छिपने के लिए जगह दी थी। अन्य चार आरोपियों को एसआईटी ने अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया और उन्हें भी सतर्कता अदालत में पेश किया गया।
उनमें रामवृक्ष बेनीपुरी महिला विद्यालय, मुजफ्फरपुर की प्राचार्य कुमारी शकुंतला, मुजफ्फरपुर के भरवाल में गांधी उच्चतर विद्यालय की शिक्षिका रीता कुमारी, मुजफ्फरपुर के भगवानगंज के किशन राय कॉलेज के समिति सदस्य नंदकिशोर यादव और वैशाली जिले में बिदुपुर की निशु सिंह शामिल हैं। सभी सातों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी और भ्रष्टाचार निरोधक कानून, 1988 के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामले दर्ज कर लिये गये। इस महीने की शुरुआत में बिहार में यह घोटाला सामने आया जब वैशाली जिले के विशुन रॉय कॉलेज की छात्रा रूबी राय ने कला संकाय में टॉप किया था लेकिन सामान्य सवालों के जवाब नहीं दे सकी।