इलाहाबाद डेस्क/ उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर योगी आदित्यनाथ के पद संभालने के कुछ घंटे के भीतर ही कल रात प्रशासन ने दो बूचड़खानों को सील कर दिया| एक अधिकारी ने बताया कि तकरीबन एक साल पहले राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने इन दो बूचड़खानों को बंद करने का आदेश दिया था | जिले के पशु चिकित्सा अधिकारी धीरज गोयल ने कहा, ‘हमने शहर के अताला क्षेत्र में और शहर के बाहरी इलाके नैनी में एक एक बूचड़खाने को कल रात सील कर दिया|’ उन्होंने कहा कि उन खबरों के बाद कदम उठाया गया कि कागज पर ये बूचड़खाने बंद होने के बावजूद अभी भी वहां कारोबार चल रहा था |
गोयल ने कहा कि एनजीटी ने भी इसी तरह इलाके में दूसरे बूचड़खाने को बंद करने की सिफारिश की थी | वहां अवैध कारोबार की खबर नहीं थी | उनके विभाग ने पुलिस से नजर रखने को कहा था| संयोग से उत्तरप्रदेश में नयी कैबिनेट के शपथ लेने के कुछ घंटे के भीतर यह कदम उठाया गया | शहर में करेली स्थित अटाला और कीडगंज के रामबाग में दो तथा नैनी के चकदोंदी मोहल्ले में बूचड़खाने हैं | मई 2016 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर अवैध रूप से चल रहे बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी |
प्रदेश में 250 से ज्यादा अवैध बूचड़खाने चिन्हित किए गए हैं जिन्हें नगर निगम और संबंधित विभाग के अफसर कागज पर बंद बता रहे हैं | वास्तविकता यह है कि इन बूचड़खानों में रोज सैकड़ों जानवर काटे जाते हैं | यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने अवैध रूप से मानक के विपरीत चल रहे बूचड़खानों को सरकार बनते ही बंद कराने की घोषणा की थी | शपथ लेने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने बूचड़खानों को बंद कराने की घोषणा को पूरा करने के लिए प्रतिबद्धता जताई | इसके तुरंत बाद नगर निगम प्रशासन रविवार होने के बावजूद हरकत में आ गया और दो बूचड़खानों को सील कर दिया |