लखनऊ डेस्क/ यूपी में योगी सरकार बन गई है। सरकार बदलते ही कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके तहत गृह सचिव देबाशीष पांडा एवं पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग से सभी जिलो के वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को सीएम के निर्देश दिए। साथ ही मुख्य सचिव राहुल भटनागर नें 84 विभागों में नियुक्त ऐसे सभी कार्यरत गैर सरकारी 102 सलाहकारों, अध्यक्षों, उपाध्यक्षों को हटाने के आदेश दिए हैं।
चीफ सेक्रेटरी राहुल भटनागर ने तत्कालीन सरकार के 84 विभागों में नियुक्त ऐसे सभी कार्यरत गैर सरकारी 102 सलाहकारों, अध्यक्षों, उपाध्यक्षों को हटाने के आदेश दिए हैं। इन विभागों में सार्वजनिक निगम, परिषद समितियां आदि शामिल हैं। वहीं गृह सचिव देबाशीष पांडा एवं पुलिस महानिदेशक एस. जावीद अहमद ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से कानून व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए। सीसीटीएनएस की मदद से क्राइम मैपिंग द्वारा प्रदेश भर में सभी प्रकार के अपराधों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही कहा कि गुंडों, माफियाओं एवं अपराधियों की सूची बनाकर उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए।
महानिदेशक एस. जावीद अहमद ने कहा कि ”वाहन चोरी की घटनाओ पर कड़ी नजर रखने हेतु ‘‘एंटी आॅटो थेप्ट स्कॉयड’’ बनाने के लिए भी कहा गया है। थाने में अपराध के प्रकार को गम्भीरता से लिया जाए और उसमें बिना किसी भेदभाव के कार्यवाही की जाए। प्रदेश में छोटी से छोटी घटनाओं पर कड़ी नजर रखी जाए। महिला उत्पीड़न, छेड़खानी, चेन स्नेचिंग पर सख्ती बरती जाए। गोकशी की घटनाओ पर सख्ती से रोक लगाई जाए। जघन्य अपराधो को रोकने में विफल रहने पर थानाध्यक्ष सहित अन्य वरिष्ठ जिम्मेदार पुलिस अधिकारियो के विरूद्ध भी कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। सोशल मीडिया पर भी कड़ी नजर रखी जाए। मीडिया से समन्वय बनाकर कार्य किया जाए और घटनाओं की सही जानकारी मीडिया को दी जाए।
इन आदेशों से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन में दिन के वक्त राज्य के सभी डिपार्टमेंट्स के अफसरों के साथ मीटिंग की। इस दौरान योगी ने अफसरों को खड़े होकर ईमानदारी, स्वच्छता और कामकाज में ट्रांसपेरेंसी रखने की शपथ दिलाई। साथ ही सरकार आगे कैसे काम करेगी इस पर चर्चा की। इसमें दोनों डिप्टी सीएम केशव मौर्य और दिनेश शर्मा भी मौजूद रहे। सीएम ने सभी अफसरों से 15 दिन के अंदर संपत्ति की जानकारी देने को कहा। साथ ही पुलिस डिपार्टमेंट में मेरिट के आधार पर भर्ती की जाए। थानों में किसी भी तरह का राजनीतिक दबाव न हो। लोक संकल्प के हिसाब से योजनाएं बनाएं और महिलाओं की सिक्युरिटी को प्रॉयोरिटी दें।