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मीट की दुकानों के लाइसेंस रिनुअल न करने पर हाई कोर्ट ने सरकार से माँगा जवाब

मीट की दुकान के लाइसेंस रिनुअल न करने पर हाई कोर्ट ने सरकार से माँगा जवाब

लखनऊ डेस्क/ इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मीट की दुकानों की बंदी और इन दुकानों के लाइसेंस रिन्यूअल नहीं किए जाने को लेकर राज्य सरकार और लखनऊ नगर निगम से 3 अप्रैल तक जवाब मांगा है। यूपी के मीट कारोबारी सोमवार से बेमियादी हड़ताल पर हैं।

स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक, यूपी में 185 बूचड़खाने हैं। इनमें से 45 के पास लाइसेंस है, जबकि 140 बूचड़खाने बिना परमिशन के चल रहे हैं।
लखनऊ बकरा गोश्त व्यापार मंडल के मेंबर ने कहा कि हमने हड़ताल को तेज करने का फैसला किया है। हमारा साथ देने के लिए मछली कारोबारी भी आगे आ रहे हैं। ये हड़ताल जल्द खत्म नहीं होगी, बल्कि बेमियादी रहेगी।

सूत्रों के मुताबिक, राज्य में 400 से ज्यादा अवैध बूचड़खाने हैं। इनके बंद होने से यूपी में मीट से जुड़े 11 हजार करोड़ रुपए के कारोबार पर असर पड़ा है।
लखनऊ शहर के मशहूर दुकान टुंडे कबाबी पर भी ताला लटक गया है। यूपी के कई जिलों में इस कार्रवाई को एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से अंजाम दिया जा रहा है। नतीजतन, इस कारोबार से जुड़े कई लोगों ने इसका विरोध किया।

बीजेपी ने चुनाव के पहले अपने संकल्प पत्र में भी साफ कहा था कि गैरकानूनी स्लॉटर हाउस बंद किए जाएंगे और गोहत्या को हर हाल में रोका जाएगा। इस स्ट्राइक के वजह से नॉन वेजिटेरियन फूड आउटलेट्स और इसके कस्टमर्स को दिक्कत हो सकती है। जबकि एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि कार्रवाई सिर्फ उन स्लॉटर हाउस के खिलाफ की जा रही है जो गैरकानूनी हैं।

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