TIL Desk लखनऊ:उ0प्र0 माटी कला बोर्ड, लखनऊ द्वारा दीपावली के शुभ अवसर पर 21 अक्टूबर से 30 अक्टूबर 2024 तक 10 दिवसीय माटीकला मेला का आयोजन | परिसर में किया जा रहा है, जिसमें प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आये शिल्पकारों एवं कारीगरों द्वारा 50 से ज्यादा स्टॉल लगाकर मिट्टी से निर्मित अपनी उत्कृष्ट कलाकृतियों का प्रदर्शन किया जा रहा है।
मेले का उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राकेश सचान, मंत्री खादी एवं ग्रामोद्योग, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम निर्यात प्रोत्साहन, रेशम उद्योग, वस्त्र उद्योग, उ०प्र० के कर कमलों द्वारा मुख्य द्वार पर फीता काटकर किया गया। इस अवसर पर गरिमामयी उपस्थिति आलोक कुमार, प्रमुख सचिव, खादी एवं ग्रामोद्योग, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम निर्यात प्रोत्साहन, रेशम उद्योग, वस्त्र उद्योग, श्री प्रांजल यादव, सचिव, खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग, उ०प्र० शासन के साथ ही मार्टी कला बोर्ड के महाप्रबन्धक डॉ० उज्ज्वल कुमार उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि एवं अन्य गणमान्य अतिथियों का स्वागत एवं सम्माने माल्यार्पण द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया तत्पश्चात उत्कृष्ट शिल्पकारों द्वारा निर्मित माटीकला उत्पादों की भव्य प्रदर्शनी के साथ-साथ माटीकला उद्योग के कियात्मक प्रदर्शन का अवलोकन भी किया गया।
इस अवसर पर मंत्री राकेश सचान ने अपने सम्बोधन में जनपदों से आये एवं प्रदर्शनी में प्रतिभाग कर रहे शिल्पकारों एवं कारीगरों का स्वागत करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा माटीकला बोर्ड के माध्यम से प्रजापति समाज के व्यक्तियों को मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना के माध्यम से प्रदेश में अब तक 48000 माटी कला कारीगर परिवारों को चिन्हित करते हुए 13607 विद्युत चालित चाक का वितरण किया जा चुका है। वर्ष 2024-25 में 2325 विद्युत चालित चाक एवं 375 पगमिल वितरित करने का लक्ष्य है। इसके अतिरिक्त लक्ष्मी गणेश की मूर्ति निर्माण हेतु 603 जोड़ी डाई, 31 पेटिंग मशीन, 81 दिया मेकिंग मशीन के साथ ही प्रदेश में मिटट्टी खोदने हेतु कुल 33530 माटी कला कारीगरों/परिवारों को पट्टों का वितरण किया जा चुका है तथा उन्हें पंजीकृत ऋण का 25 प्रतिशत मार्जिनमनी धनराशि प्रदान की गयी है। मुख्यमंत्री माटीकला रोजागार योजना के अन्तर्गत विगत 4 वर्षों में 880 लाभार्थियों को बैंको के माध्यम से ऋण स्वीकृत कर इकाईयों स्थापित करायी जा चुकी है। वर्तमान वर्ष में 300 इकाईयों की स्थापना का लक्ष्य है। माटीकला कारीगरों के उत्साहवर्धन हेतु प्रदेश में विगत 05 वर्षों में मण्डल स्तर पर 270 एवं राज्य स्तर पर 15 कारीगरों को पुरस्कृत किया जा चुका है। इस वर्ष भी उत्कृष्ट कारीगरों को उनकी कलाकृतियों के लिए पुरस्कृत किया जायेगा। प्रदेश में अब तक पीलीभीत, रामपुर, कन्नौज, अमरोहा, फिरोजाबाद एवं बाराबंकी सहित कुल 6 कॉमन फैसेलिटी सेन्टर की स्थापना की जा चुकी है, जिसके अन्तर्गत माटीकला के छोटे-छोटे सामूहिक केन्द्र स्थापित कराकर उन्हे सुविधा सम्पन्न कराये जाने की दिशा में सरकार निरन्तर प्रयासरत है।
मंत्री सचान ने आम जनता से भी अपील की है कि दीपावली के शुभ अवसर पर इस प्रदर्शनी में अधिक से अधिक लोग आये और शिल्पकारों द्वारा मिट्टी से निर्मित कलात्मक एवं आकर्षक कलाकृतियों की खरीदारी करे और इसका लाभ उठाये।
इस अवसर पर महाप्रबन्धक, माटीकला बोर्ड डॉ० उज्ज्वल कुमार ने बताया कि मेले में विभिन्न जनपदों से आये पराम्परागत कारीगरों द्वारा निर्मित विभिन्न उत्पादों का भब्य प्रदर्शन एवं बिक्री की जा रही है। प्रदर्शनी में लगभग 50 स्टाल लगाये गये है, जिन्हे कारीगरों को निःशुल्क आवंटित किया गया है। इस प्रदर्शनी में माटी कला से सम्बन्धित सभी प्रकार के उत्पाद उपलब्ध है। प्रदर्शनी का मुख्य आकषर्ण बोर्ड द्वारा वितरित डाई से निर्मित लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, लखनऊ के सिरेमिक्स कलात्मक उत्पाद, आजमगढ़ की ब्लैक पॉटरी, गोरखपुर का टेराकोटा, कानपुर के मिटट्टी से निर्मित बर्तन, खुर्जा के चीनी मिटट्टी से बने उत्पाद व अन्य सजावटी सामान एवं विभिन्न प्रकार के डिजाइनर दिये तथा अलग-अलग जनपदों से विभिन्न विधाओं से निर्मित उत्पाद बिकी हेतु उपलब्ध है।इस अवसर पर विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित रहे।