लखनऊ डेस्क/ समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने नीतीश कुमार को लेकर बड़ा खुलासा किया है। मुलायम सिंह ने दावा किया है कि 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम पद का चेहरा बनने के लिए नीतीश कुमार उनके सामने रोए थे। मुलायम ने कहा कि महागठबंधन का अहम पार्टनर होने के बावजूद लालू यादव, नीतीश को सीएम कैंडिडेट नहीं बनाना चाहते थे। मुलायम ने आगे कहा कि नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ जाकर बिहार के वोटर्स को धोखा दिया है।
मुलायम सिंह ने कहा, लालू यादव चाहते थे कि सीएम का चुनाव इलेक्शन में आने वाले रिजल्ट के बाद MLAs की संख्या के हिसाब से किया जाए। लालू की मंशा थी कि नीतीश कुमार के साथ गठबंधन जरूर किया जाए, लेकिन वे बिना किसी चेहरे के चुनाव में जाना चाहते थे। ‘इसके पीछे लालू की स्ट्रैटजी ये थी कि अगर उनकी पार्टी को ज्यादा सीट मिलती है तो वे बाद में सीएम कैंडिडेट चुनने के वक्त नीतीश पर दबाव डाल सकें। मुलायम के मुताबिक, ”बाद में मेरे दवाब में लालू यादव झुक गए और उन्होंने नीतीश कुमार को सीएम कैंडिडेट के तौर पर स्वीकार कर लिया।
8 जून 2015 को मुलायम सिंह के घर लालू यादव और नीतीश कुमार की मीटिंग हुई थी। मीटिंग का एजेंडा सीटों का बंटवारा था। दरअसल, बिहार चुनाव के दौरान बीजेपी से मोर्चा लेने के लिए मुलायम सिंह, लालू, नीतीश और कांग्रेस नेतृत्व महागठबंधन बनाने की कवायद कर रहे थे। इसकी अगुवाई मुलायम सिंह ही कर रहे थे। इस दौरान मुलायम ने पंच की भूमिका में न सिर्फ लालू-नीतीश के बीच सीट बंटवारे पर सहमति बनाई, बल्कि सीएम कैंडिडेट बनने के लिए नीतीश का रास्ता भी आसान किया।
नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले महागठबंधन को विधानसभा की 243 सीटों में से 178 सीटों पर जीत मिली थी। इसमें लालू यादव की पार्टी आरजेडी को 80, नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को 71 और महागठबंधन की तीसरी पार्टी कांग्रेस को 27 सीटें मिली थीं। वहीं, एनडीए 58 सीटों पर ही सिमट गई थी।