TIL Desk लखनऊ: लखनऊ में इस बार 10 मई को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन होगा। जिसमें न्यायालयों और विभागों में चल रहे लंबित मामलों को रखा जायेगा। जिसका निस्तारण आपसी सुलह समझौते के आधार पर एक दिन में हो सकता है, लेकिन इसके लिए लोगों (वादकारीगण) को आवेदन करना होगा। जनपद न्यायाधीश और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष के निर्देशन में सुबह दस बजे से लोक अदालत शुरू होगी।
लोक अदालत में वादकारी गण जिनके वाद किसी न्यायालय में विचाराधीन हों, राष्ट्रीय लोक अदालत में अपने वाद निस्तारित कराकर लाभान्वित हो सकते हैं। बैंक दसुली वाद, किरायेदारी वाद, मोबाईल फोन व केबल नेटवर्क संबंधी प्रकरण, आयकर बैंक व अन्य वित्तीय संस्थाओं से सम्बन्धित प्रकरण,दीवानी वाद, उत्तराधिकार वाद, पारिवारिक वाद, दाम्पत्य सम्बन्धी वाद, प्रीलिटिगेशन स्तर पर, मोटर दुर्घटना प्रतिकर वाद, चेक बाउंस के मामले, जनोपयोगी सेवाओं और वाणिज्य कर से सम्बन्धित प्रकरण, आरबीट्रेशन सम्बन्धी वाद शामिल हैं। वहीं लोक अदालत के लिए विशेष न्यायाधीश सीबीआई (नोडल अधिकारी) लोक अदालत रवीन्द्र कुमार द्विवेदी और लखनऊ सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मीनाक्षी सोनकर द्वारा प्रेसवार्ता की गई।
जिसमें बताया लोक अदालत में जिस वादी के पास पैरवी के लिए अधिवक्ता नहीं होगा। उसको नि:शुल्क अधिवक्ता मिलेगा। नोडल अधिकारी ने राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में बताते हुए कहा कि लोक अदालत के आयोजन का मुख्य उद्देश्य विवादों को सुलह समझौते के माध्यम से निस्तारण कराये जाने के लिये वैकल्पिक मंच प्रदान करना है। लोक अदालत द्वारा पारित निर्णय के विरुद्ध कोई अपील नहीं होती है। कानूनी प्रक्रियाओं से परे लोक अदालत की प्रक्रिया सहज और आपसी समझौते पर आधारित होती है। लखनऊ सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मीनाक्षी सोनकर ने बताया लोक अदालत में हेल्थ कैंप भी लगाया जा रहा है। साथ ही लोक अदालत के लिए लोगों को प्रचार प्रसार के माध्यम से लगातार जागरूक भी किया जा रहा है।