यूपी डेस्क/ मदरसों में पढ़ने वाले छात्र भी अब स्कूली छात्रों से कदम से कदम मिलाकर चल सकेंगे। तैतानिया (कक्षा 1 से 5) और फौकानिया (कक्षा 5 से 8) तक आधुनिक विषयों का ककहरा सिखाने के बाद मदरसा बोर्ड अब आलिया या उच्च आलिया स्तर (हाईस्कूल व उससे ऊपर) पर भी आधुनिक विषयों को अनिवार्य विषय के तौर पर शामिल करने की तैयारी कर रहा है। प्रस्ताव लागू होने के बाद मदरसों के छात्र एनसीईआरटी की किताबों से अपना भविष्य बनाएंगे। मदरसों में गणित, विज्ञान, कंप्यूटर, इतिहास व भूगोल पढ़ाने की प्रदेश सरकार से मंजूरी मिलने के बाद मदरसा बोर्ड इन विषयों को अनिवार्य करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर रहा है। मदरसा बोर्ड के मुंशी, मौलवी, आलिम, कामिल में अरबी, फारसी व उर्दू, हिंदी, अंग्रेजी के साथ ही सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, नागरिक शास्त्र, कंप्यूटर विषय विकल्प के तौर पर पढ़ाए जा रहे हैं।
जबकि, तैतानिया और फौकानिया में सरकारी स्कूलों की तर्ज पर हिंदी, अंग्रेजी, गणित आदि विषय पाठयक्रम में शामिल हैं। बोर्ड तैतानिया और फौकानिया स्तर में भी शैक्षणिक सुधार की जरूरत महसूस कर रहा है, ताकि आलिया और उच्च आलिया स्तर पर आधुनिक विषयों को अनिवार्य करने पर छात्रों को समस्याओं का सामना न करना पड़े। मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता का कहना है कि प्राथमिक स्तर पर मदरसों में हिंदी, अंग्रेजी, गणित, साइंस, भूगोल अनिवार्य है, लेकिन मुंशी, मौलवी यानी हाईस्कूल के बाद गणित, सामाजिक विज्ञान, इतिहास, भूगोल व साइंस के साथ तिब विषय वैकल्पिक तौर पर शामिल है।
उन्होंने बताया कि मुंशी, मौलवी में विज्ञान व गणित का विकल्प चुनने वाले छात्रों को भी कक्षा आठ के स्तर की शिक्षा दी जाती है। मदरसा छात्रों को स्कूलों के छात्रों के बराबर खड़ा करने के लिए आधुनिक विषयों को अनिवार्य कर स्तर सुधारने की कोशिश की जा रही है। रजिस्ट्रार ने बताया कि पाठ्यक्रम में सुधार के लिए सरकार से मंजूरी मिल चुकी है। मदरसा बोर्ड पाठ्यक्रम में आधुनिक विषयों के लिए एनसीईआरटी की किताबें शामिल होंगी। हिंदी व अंग्रेजी को छोड़ सभी विषयों की किताबें उर्दू में होंगी। उन्होंने बताया कि सभी कक्षाओं में दीनियात की किताबें बाजार में मुश्किल से मिलती हैं। इसके चलते बोर्ड ने दीनियात की अपनी किताबें तैयार करवाने का निर्णय लिया है।