लखनऊ डेस्क/ कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने सोमवार को कृषि निदेशालय का औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण की सूचना मिलते ही लेटलतीफ कर्मचारियों में भगदड़ मच गई। हाजिरी लगाने के लिए कर्मचारी दफ्तर के अंदर आने लगे। कुछ देर बाद मंत्री के आदेश पर कृषि भवन के सभी गेट बंद करवा दिए गए तो कुछ कर्मचारी बाउंड्री वॉल फांदकर भीतर दाखिल हो गए। गेट बंद करवाने के बाद मंत्री कृषि भवन के हर सेक्शन में गए। वहां के रजिस्टर अपने कब्जे में लेकर हाजिरी की जांच करवाई।
किचेन से लेकर हर कमरे का हाल देखा। परिसर में गंदगी देखकर उन्होंने अफसरों और कर्मचारियों को फटकार लगाई। करीब पांच घंटे तक चले निरीक्षण के दौरान कृषि मंत्री ने अफसरों के साथ बैठक कर कृषि योजनाओं का हाल भी जाना। कई योजनाएं बनाने के निर्देश दिए और समस्याएं भी सुनीं। कृषि मंत्री ने सख्त एक्शन लेते हुए 124 गैरहाजिर कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटने और देर से पहुंचे 63 कर्मचारियों का आधे दिन का वेतन काटने का निर्देश दिया है। चार अफसरों को भी चेतावनी दी गई है।
मिली जानकारी के अनुसार कृषि मंत्री सुबह ठीक 9:30 बजे कृषि भवन पहुंचे। यहां करीब 1100 कर्मचारी-अधिकारी तैनात हैं, लेकिन तब तक ज्यादातर दफ्तर नहीं पहुंचे थे। कर्मचारियों को जैसे ही मंत्री के आने की सूचना मिली वे हाजिरी लगाने और अपनी-अपनी सीट की तरफ दौड़े। यह माहौल देख कृषि मंत्री ने 10 बजे सभी गेट बंद करवा दिए और चाबी अपने कब्जे में ले ली। देखते ही देखते गेट के बाहर कर्मचारियों की भीड़ जुट गई।
उसके बाद मंत्री ने कर्मचारियों-अधिकारियों की लिस्ट मंगवाकर हाजिरी जांचने के लिए एक-एक को बुलाना शुरू किया। जो मौजूद नहीं था, उनके बारे में अफसरों ने बताना शुरू किया कि वे तो फलां फ्लोर पर बैठे हैं। इसके बाद एक-एक अफसर की पेशी हुई और ज्यादातर का यही जवाब था कि ‘मंत्री जी मैं आपके पीछे चल रहा था’। मंत्री के निर्देश पर शाम तक अफसरों ने गैरहाजिर और लेटलतीफ कर्मचारियों की लिस्ट तैयार की, जिसके आधार पर कर्मचारियों के खिलाफ वेतन कटौती की कार्रवाई की गई।
उन्होंने निर्देश दिए कि अप्रैल के अंत में ही राज्यस्तरीय खरीफ संगोष्ठी आयोजित की जाए। इसके तुरंत बाद मंडलीय संगोष्ठियां और कृषि मेला आयोजित किया जाए। उन्होंने कहा कि इस बारे में जल्द प्लान बनाकर भेजें। पेंशन संबंधी कई शिकायतें मिलने पर कृषि मंत्री ने रिटायर्ड कर्मचारियों और अफसरों की पेंशन का ब्योरा 15 दिन में तलब किया है। उन्होंने कहा कि ठीक एक महीने बाद वह खुद समीक्षा करेंगे।