लखनऊ डेस्क/ नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना अब कभी भी जारी हो सकती है। इससे पहले सभी बड़े 5 दलों ने अपनी कमर इसके लिए कस ली है। बीजेपी, कांग्रेस, सपा, बसपा और आप अपने सिम्बल पर इस बार चुनाव लड़ेगी। इससे पहले बीजेपी ही सिम्बल पर नगर निकाय के चुनाव लड़ती रही है।
बीजेपी में टिकट से लेकर चुनावी रणनीति तक तय हो चुकी है। इस बार बीजेपी यूपी में भी टिकट के मामले में दिल्ली मॉडल लागू करेगी। यानी जिन्हें दो बार पार्षद या मेयर का टिकट दिया जा चूका है उन्हें इस बार पार्टी टिकट नहीं देगी। वहीं, निकाय चुनावों में 60+ को भी टिकट नहीं देने का फैसला शीर्ष नेतृत्व ने किया है। दरअसल, भाजपा जिले के दो से चार ब्लॉक को मिलाकर एक मंडल मानकर चलती है। भाजपा इन्हीं मंडल लेवल के नेता को ही पार्षदी में आगे बढ़ाने का मन बना रही है। इनकी स्क्रीनिंग की लिस्ट जिला स्तर पर भेजी जाएगी। फिर वहां काट-छांट के बाद लिस्ट प्रदेश लेवल पर भेजी जाएगी। तब टिकट फाइनल होंगे।
बीजेपी ने चुनाव जीतने के लिए इस बार मोहल्ला प्रभारी भी नियुक्त किए हैं। मोहल्ले में जो प्रभावशाली व्यक्ति है, जिसकी लोगों तक पहुंच है उसे मोहल्ला प्रभारी बनाया गया है। यह लोग मोहल्ले में साप्ताहिक मीटिंग कर केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार की उपलब्धियों को बताएंगे और उन्हें बीजेपी के पक्ष में बूथ तक लाएंगे। जैसे जिस मोहल्ले में, जिस जाति की बहुलता होगी। उस जाति का मोहल्ला प्रभारी बनाया गया है।
समाजवादी पार्टी 2017 निकाय चुनावों में यूथ पर भरोसा कर रही है। समाजवादी छात्रसभा के नेताओं को इस बार पार्षद का टिकट देने का मन सपा ने बनाया है। वहीं, जहां सपा छात्रसभा का सदस्य नहीं होगा वहां पांच साल तक पार्टी का सदस्य रहे व्यक्ति को टिकट दिया जाएगा। समाजवादी पार्टी निकाय चुनाव भी अखिलेश के फेस पर लड़ेगी। इसके लिए अखिलेश का गाना ‘नाम बोलता है-काम बोलता है’ को भी मोहल्ले-मोहल्ले बजाया जाएगा।
मोहल्ले वाइज समाजवादी नेता अखिलेश सरकार में किए गए कामों को गिनाएंगे। साथ ही बीजेपी पार्षदों की पोल-खोलेंगे। मोहल्ला लेवल पर हर नेता को हफ्ते में 3 से 4 आवश्यक बैठक करने का भी निर्देश दिया गया है।
नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस मोहल्ला लेवल पर खांटी कांग्रेसियों पर भरोसा जता रही है। ऐसे कांग्रेसी नेताओं और पदाधिकारियों की लिस्टिंग करने का भी निर्देश दिया गया है। इनमें से युवाओं को छांटा जाएगा और उन्हें टिकट देने का प्लान है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर 16 नगर निगम में रोड शो भी कर सकते हैं। कांग्रेस वार्ड वाइज बीजेपी की नीतियों के खिलाफ नुक्कड़ सभाएं करेगी और बीजेपी की नीतियों की पोल खोलने का काम करेगी।
आम आदमी पार्टी पहली बार UP के निकाय चुनाव में उतरेगी। 16 नगर निगम में ‘आप’ अपने प्रत्याशी तो उतारेगी ही साथ ही जिस जिले में संगठन मजबूत है वहां भी प्रत्याशियों को मौका देगी। ‘आप’ दिल्ली मॉडल की तर्ज पर यूपी में निकाय चुनाव लड़ने का प्लान कर रही है। इसके तहत इलाके के प्रभावशाली व्यक्ति जिसकी छवि साफ़ सुथरी हो उसे ही टिकट दिया जाएगा। इसमें समाजसेवी, प्रोफेशनल्स और नेता भी शामिल हो सकते हैं, जोकि लम्बे समय से पार्टी से जुड़े हुए हैं। यही नहीं आप ने पिछले 3 सालों से नगर निकाय चुनाव को टारगेट मानकर ही संगठन को मजबूत किया है। इसके लिए पार्टी ने हर नगर निगम और जहां संगठन मजबूत है वहां की नगर पालिका और नगर पंचायतों में ढेरों आरटीआई लगाई है। जिससे कई करप्शन के खुलासे भी हुए हैं।