सिवान
बिहार के मंत्री अशोक चौधरी ने जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर पर एक बयान को लेकर मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है। इसे लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि हमें मानहानि, मुकदमा और एफआईआर से डराने वाला कोई पैदा नहीं हुआ है। सिवान में उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि वे (अशोक चौधरी) जितनी बार चाहें मानहानि, एफआईआर करा लें, प्रशांत किशोर किसी से डरने वाला नहीं है। क्या हम कोई बालू-शराब माफिया हैं या किसी सरकारी पद पर हैं? डंके की चोट पर तीन साल से ये अभियान चला रहे हैं। अभी हम यहां आए हैं और देख लीजिए, हमारे साथ एक हवलदार तक नहीं है।
उन्होंने कहा कि जिस बिहार में लोग मुखिया बनने के बाद चार गन मैन सुरक्षा के नाम पर लेकर घूमते हैं, उसी बिहार में तीन साल से मैं पैदल चल रहा हूं और एक सिपाही तक नहीं लिया। हम किसी से डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने आगे कहा, "गांधी मैदान में इसी सरकार ने रात के अंधेरे में तीन बजे मुझे उठा लिया। 20 थाने की पुलिस मुझे अरेस्ट कर कोर्ट में लेकर गई। क्या हुआ, मुझे छोड़ दिया गया। जब हमने कोई गलती नहीं की है तो क्यों डरना। कोई बिहार में खड़े होकर नहीं कह सकता है कि हमने किसी से एक रुपए भी लिया हो। कोई ये नहीं कह सकता है कि हमने कोई गलत काम किया हो।"
इससे पहले मंत्री अशोक चौधरी ने जन सुराज अभियान चला रहे प्रशांत किशोर के खिलाफ पटना सिविल कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अगर प्रशांत किशोर ने माफी नहीं मांगी तो वह सुप्रीम कोर्ट तक जाने से भी पीछे नहीं हटेंगे। मुकदमा दर्ज कराने के बाद मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि प्रशांत किशोर ने न सिर्फ मुझे अपमानित किया है, बल्कि उनके बयान पिछड़े और दलित समाज के खिलाफ मानसिकता को दर्शाते हैं।
अशोक चौधरी ने कहा कि प्रशांत किशोर ने एक प्रेस वार्ता में जानबूझकर अपमानित करने का काम किया है। उनके बयान को देखने के बाद मैंने पहले लीगल नोटिस भेजा था, लेकिन उनका जवाब जो आया वह भी संतोषजनक नहीं था। इसके बाद मंगलवार को मैंने कोर्ट में जाकर मानहानि का मुकदमा दायर किया है। दरअसल, प्रशांत किशोर ने मंत्री अशोक चौधरी पर टिकट खरीदकर बेटी को सांसद बनाने का आरोप लगाया था।