नई दिल्ली डेस्क/ केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा है कि सरकार माल एवं सेवा कर (GST) लागू किये जाने से पहले पैक किये गये उत्पादों को संशोधित कीमत के स्टिकर के साथ बेचे जाने की समयसीमा को 31 मार्च से आगे नहीं बढ़ाएगी। कंपनियों को एक जुलाई से जीएसटी लागू होने के बाद कहा गया था कि वे नहीं बिक पाये उत्पादों को सितंबर तक संशोधित अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) वाले स्टिकर के साथ बेच सकते हैं। हालांकि इस समयसीमा को बाद में मार्च तक बढ़ा दिया गया था।
समयसीमा को पुन: बढ़ाये जाने के बारे में पूछे जाने पर पासवान ने कहा, ‘अगले महीने से पैकेज्ड उत्पादों पर एक ही एमआरपी होगी। नहीं बिक पाये उत्पादों के लिए संशोधित एमआरपी वाला स्टिकर मान्य नहीं होगा।’ उन्होंने विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस पर आयोजित एक समारोह से इतर संवाददाताओं को बताया कि समयसीमा को और नहीं बढ़ाया जा सकता है बशर्ते कि जीएसटी काउंसिल (GST Council) निर्णय नहीं ले।
नवंबर में करीब 200 उत्पादों के लिए दरें कम होने के बाद मंत्रालय ने संशोधित मूल्य वाला स्टिकर लगाने की अनुमति दी थी। हाल ही में जीएसटी काउंसिल एक राज्य से दूसरे राज्य में माल परिवहन के लिये इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली युक्त ई-वे बिल व्यवस्था को एक अप्रैल से लागू करने का फैसला किया था। हालांकि, कारोबारियों के लिये जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की सरल व्यवस्था को लेकर वह कोई फैसला नहीं ले सकी, इसलिये इसकी मौजूदा व्यवस्था को ही तीन माह के लिये बढ़ा दिया गया है। उद्योग एवं व्यावसायियों के लिये GSTR-3B की मौजूदा व्यवस्था जून तक जारी रहेगी।