लखनऊ डेस्क/ डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने शुक्रवार को कहा, ”हमने प्राइवेट कॉलेजों की फीस बढ़ोत्तरी पर रेगुलेट करने के लिए कई नियम बनाए और संशोधित किए हैं। जिससे फीस बढ़ाने वाले कॉलेज सरकार के अनुसार ही बढ़ा सकेंगे। वरना उनका स्कूल सरकार अपने कब्जें में लेकर खुद चलाएगी। ये नियम ऐसे स्कूलों पर लागू नहीं होंगे जिनकी फीस सालाना 20 हजार रुपए होगी। इससे ज्यादा वाले इन सभी नियमों के दायरे में आएंगे।
डिप्टी सीएम ने कहा, हमने प्राइवेट स्कूलों के लिए एक प्रारूप तैयार किया है। जिसे जनता के सामने उनके सुझावों के लिए रख रहे हैं। जो भी सुझाव और संशोधन आएगा उसको जोड़ने के बाद उसे कैबिनेट में पास कराया जाएगा। हमने इसे ड्राफ्ट करने के लिए कई प्रदेशों की माॅनिटरिंग सिस्टम और फीस रेगुलेटरी नियमों का अध्ययन किया। इस दौरान हमारे साथ कई एजूकेशनल एक्सपर्ट भी साथ रहे। हमने अभिभावकों, शिक्षकों, स्कूल के प्रबंधकों ओर पत्रकारों से भी बात की है। एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाया गया है। जिसमें नियमों के अनुसार ही प्रस्ताव बना है।
हर मंडल में ‘जोनल फीस कमेटी’ की व्यवस्था की गई है। सत्र के अंत या प्रारम्भ में ही शुल्क बढ़ाया जा सकता है। स्कूल को अपनी वेबसाइट और स्कूल के नोटिस बोर्ड पर फीस और आय का ब्यौरा प्रकाशित करना होगा। जिसमें कितनी फीस है। बढ़ोत्तरी कितनी हुई। किस मद में हुई सब कुछ ट्रांसपैरेंट दिखाना होगा। उन्होंने कहा, कोई भी स्कूल एक साथ पूरे साल की फीस नहीं ले सकता। कोई भी स्कूल किसी खास दूकान से सामान खरीदने के लिए भी बाध्य नहीं कर सकता। ये सभी नियम ऐसे स्कूलों पर लागू नहीं होंगे, जिनकी फीस सालाना 20 हजार रुपए होगी। इससे ज्यादा वाले इन सभी नियमों के दायरे में आएंगे।