TIL Desk लखनऊ:समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव एक निजी कार्यक्रम में पहुंचे अखिलेश यादव ने कहा……………जब आदमी का संतुलन बिगड़ता है तो ज़बान भी बदल जाती है, विधानसभा में मुख्यमंत्री से अपेक्षा रहती है शालीनता से शिष्टाचार से लोगों को प्रेरणा दे लेकिन जिस तरह का भाव दिखाई दिया है ये भंजन करने वाले लोग है ये वो लोग है महाकुंभ का महाघपला जो व्यवस्था खराब हुई उसकी वजह से ये भाषा बोल रहे है | मुख्यमंत्री योगी भी है हमारे जितने साधु संत महात्मा है वो सच बोलते है ये वो मुख्यमंत्री है घटना को छुपाना चाहते है, पानी का क्या स्तर है किस पानी से स्नान किया लोगो ने नाले जा रहे है सीधे NGT कह रहा है | जिन लोगों की जान गई है सरकार मदद करे |
उर्दू के बयान पर अखिलेश यादव ने बोला, मुख्यमंत्री इस बात को समझते नहीं है उर्दू भाषा इसी देश की इसी जमीन में जन्मी है उर्दू भाषा में हिंदी शब्द है टर्किश परशियन है अरेबिक है उर्दू भाषा को वह समझते नहीं है | उर्दू हमारी भारतीय भाषा है उर्दू हिंदी में वही फर्क है जो कुमाऊनी और गढ़वाली जानता होगा मुख्यमंत्री से पूछे स्टेशन की हिंदी क्या है क्रिकेट की हिंदी क्या है अंग्रेजी का प्रभाव हमारी संस्कृति पर पड़ा है मुख्यमंत्री के अंदर नकारात्मक्ता है महाकुंभ में जो बर्बादी हुई है उसकी वजह से उनकी भाषा ऐसी है |
जो अपने आप को साध के चले वह साधु है, मुख्यमंत्री साध के चल रहे हैं ऐसा आपको लगता है | महाकुंभ के खिलाफ कोई नहीं है लेकिन भगदड़ कैसे हो गई ट्रैफिक जाम हो गया लोगों की जान चली गई श्रद्धालु बनारस से मर गए उनकी मदद कौन करेगा |
मुख्यमंत्री को रिपोर्ट का पता होगा इसीलिए उन्होंने कपड़े पहनकर स्नान किया, जिन श्रद्धालुओं की जान गई है सरकार उनकी मदद करें और इस स्नान के बाद जो लोग बीमार होगे उनकी बीमारी का भी इलाज सरकार कराए, जनता को गुमराह करके सरकार बनाई है और अब अधिकारी इनको गुमराह कर रहे हैं मुख्यमंत्री का व्यवहार समझते हैं अधिकारी इसलिए अधिकारी अपना करप्शन छुपा रहे हैं भ्रष्टाचार छुपा रहे हैं शौचालय में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है |