लखनऊ डेस्क/ यूपी के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद की वेब साइट लांच की। अब प्रदेश के करीब 19 हजार मदरसों को अपना रजिस्ट्रेशन इस वेब साइट पर कराना अनिवार्य होगा। अगर रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया तो प्रबंधन कमेटी परीक्षाएं नहीं करा सकेंगी और न ही सरकारी योजनाओं को उन्हें लाभ मिलेगा। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद की वेब साइट madarsaboard.upsdc.gov.in को लांच करने के बाद मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने कहा मदरसों के बारे में लंबे समय से शिकायतें आ रही हैं। मदरसों के संचालक अपने ही परिवार के सदस्यों को शिक्षकों व कर्मचारी के पदों पर नौकरियां दे रहे हैं। अब इन गड़बड़ियों को प्रभावी ढंग से रोका जाएगा।
मंत्री ने आरोप लगाते हुए कहा पिछली सपा सरकार ने जो मदरसा नीति बनाई थी, उसमें तमाम खामियां थीं। इस काम में मदरसा पोर्टल बहुत कारगर साबित होगा। मदरसों में धांधलेबाजी है, शिक्षकों व कर्मचारियों का शोषण होता है। फर्जीवाड़ा होता है। मदरसा शिक्षा की व्यवस्था में तुष्टीकरण की नीति अब नहीं चलेगी। पोर्टल के बारे में जानकारी देते हुए प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक कल्याण मोनिका एस. गर्ग ने बताया कि उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद ने यह पोर्टल एनआईसी के सहयोग से बनाया है। अब अनुदानित व मान्यता प्राप्त मदरसों को मिलने वाले अनुदान, शिक्षकों व कर्मचारियों को दिए जाने वाले वेतन का भुगतान आनलाइन हो जाएगा।
अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री बलदेव औलख ने कहा मदरसों के बारे में जिलों से बहुत शिकायतें आ रही थीं, पारदर्शिता नहीं थी। इसीलिए यह पोर्टल शुरू किया गया है। अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री मोहसिन रजा ने कहा- ”प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी दोनों ही चाहते हैं कि मदरसों में धार्मिक शिक्षा के साथ आधुनिक शिक्षा का भी विस्तार किया जाए।