लखनऊ डेस्क/ सीतापुर में आतंक का पर्याय बन चुके खूंखार कुत्तों द्वारा कई बच्चों का शिकार किये जाने की घटनाओं की जांच करने गयी भारतीय पशु अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) की टीम उनकी डीएनए और अन्य जांच कराने के लिये नमूने लेकर आयी है।
आईवीआरआई के निदेशक डॉक्टर आर. के. सिंह ने आज बताया कि संस्थान के डॉक्टर दिनेश चन्द्र चौबे की अगुवाई में डॉक्टर वी. के. सिन्हा और डॉक्टर कारी करन की टीम कल सीतापुर गयी थी। वहां से वह कुछ नमूने लायी है।
टीम के प्रमुख डॉक्टर चौबे ने बताया कि टीम सीतापुर में खूंखार कुत्तों द्वारा इस महीने छह बच्चों को मारे जाने की घटना के बाद ग्रामीणों द्वारा मारे गये कुत्तों की खाल, लार और सूखे खून के नमूने लेकर आयी है।
उन्होंने बताया कि नमूनों का डीएनए परीक्षण होगा, ताकि यह पता लगे कि वे सामान्य कुत्ते ही हैं या फिर भेड़िये और लकड़बग्घे की संकर नस्ले हैं। डीएनए परीक्षण के अलावा ‘सीक्वेंसी टेस्ट’ हैदराबाद में होगा। दोनों रिपोर्ट 15 दिन के अंदर आने की सम्भावना है।
चैबे ने बताया कि उन्हें मामले की पड़ताल के दौरान कोई असामान्य बात नहीं दिखी। प्रथमदृष्ट्या यह कुत्तों में किसी जिंस संबंधी बदलाव का मामला भी नहीं है। बहरहाल, जांच रिपोर्ट आने के बाद स्थिति साफ हो जाएगी।
आईवीआरआई के निदेशक सिंह ने दोहराया कि कुत्तों को उनका खाना नहीं मिलने की वजह से वे हिंसक हो गये हैं। पहले बूचड़खाने चलते थे, इसलिये वे जानवरों के अवशेष खाकर पेट भर लेते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। मालूम हो कि सीतापुर में इस महीने खूंखार कुत्तों के हमलों में अब तक छह बच्चों की मौत हो चुकी है, तथा कई अन्य घायल हुए हैं।