लखनऊ डेस्क/ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने गंगा यात्रा के दूसरे दिन मंगलवार को कहा कि लोग उनकी दादी इंदिरा गांधी का अक्श उनमें इसलिए देखते हैं, क्योंकि वे अभी भी दिवंगत प्रधानमंत्री को याद करते हैं, उनके किए कार्यो के कारण उनका सम्मान करते हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आरोप कि गांधी परिवार के लिए चुनाव पिकनिक जैसा है, का जवाब देते हुए कहा कि वह पिकनिक तो इटली में मनाती हैं, मगर पिछले तीन-चार साल से इटली नहीं गई हैं।
मिर्जापुर के सिंदौरा घाट पर जुटी बड़ी भीड़ को संबोधित करते हुए प्रियंका ने कहा, “बहुत से लोग कहते हैं कि मैं अपनी दादी जैसी दिखती हूं। आप उनसे मेरी तुलना करते हैं, क्योंकि आपका उनसे लगाव रहा है। उन्होंने आप सबके लिए जो काम किए, इसलिए आप उनका आदर करते हैं।” उन्होंने लोगों के वादे पूरे न करने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार पर भी तीखा प्रहार किया।
भटोली घाट से सिंदौरा जाने के लिए प्रियंका ने छोटी नाव की सवारी की, ताकि वह गंगा किनारे बसे गांवों के लोगों से बात कर सकें। सूर्यास्त होने पर लोगों ने अपने मोबाइल फोन की फ्लैश लाइट जलाकर प्रियंका को रास्ता दिखाते रहे। लोगों से बातचीत के बाद वह मोटरबोट पर जाकर बैठ गईं।
सुबह में विंध्यवासिनी देवी मंदिर पहुंचने पर मंदिर के बाहर जुटे भाजपा समर्थकों ने मोदी के समर्थन में नारे लगाए। प्रियंका थोड़ी असहज दिखीं। उन्होंने मंदिर जाकर विंध्यवासिनी की पूजा की। इससे पहले, प्रियंका ने भदोही में सीता मंदिर में दर्शन-पूजन किया। वहां जुटे लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने योगी सरकार के दो साल पूरे होने पर किए जा रहे सरकारी दावों पर तंज कसा।
प्रियंका ने कहा, “योगी सरकार ने दो साल का जो रिपोर्ट कार्ड घोषित किया है, वो देखने में बहुत अच्छा लग रहा है लेकिन विकास और योजनाओं की जमीनी हकीकत से कोई वास्ता नहीं है। मैं रोज जनता से मिल रही हूं और सभी लोग प्रताड़ित हुए हैं।” प्रियंका ने कहा, “किसान, बुनकर समेत सभी वर्ग परेशान हैं। पांच साल में केंद्र सरकार ने क्या-क्या किया, अब मैं सब जान गई हूं। मोदी सरकार की डेट एक्सपायर हो चुकी है।”
उन्होंने कहा, “मोदी सरकार विपक्ष से पूछती है कि उन्होंने 70 साल में क्या किया? इस तर्क का अब कोई औचित्य नहीं है। अब उन्हें (भाजपा) बताना चाहिए कि उन्होंने सत्ता में रहते हुए अपने पांच साल में क्या किया है।” इस मौके पर प्रियंका गांधी बनकट दलित बस्ती पहुंचीं। वह यादवों और दलित समाज के लोगों से मिलीं। इसी क्रम में उन्होंने शिक्षामित्रों से भी मुलाकात की व राष्ट्रीय बालश्रम परियोजना का प्रतिनिधिमंडल भी उनसे मिला।