पटना डेस्क/ बिहार के मोकामा से विधायक अनंत सिंह ने शुक्रवार को दिल्ली के साकेत कोर्ट में सरेंडर कर दिया। पिछले दिनों पुलिस की छापेमारी के दौरान उनके घर से एक एके 47, दो ग्रेनेड और गोलियां मिली थीं। इसके बाद 17 अगस्त को पुलिस अनंत सिंह को गिरफ्तार करने उनके घर गई, लेकिन वे पुलिस को चकमा देकर फरार हो गए थे।
अनंत सिंह 6 दिन फरार रहे। इस दौरान उन्होंने तीन वीडियो जारी किए। इनमें कहा था कि मैं कोर्ट में सरेंडर करूंगा। गुरुवार उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने मेरे घर पर हथियार रखवाए थे। बिहार पुलिस ने अनंत और उनके केयरटेकर सुनील राम के खिलाफ यूएपी एक्ट, आर्म्स एक्ट और आईपीसी की अलग-अलग धाराओं के केस दर्ज किया था।
केंद्र सरकार ने गैर-कानूनी गतिविधियों को रोकने वाले यूएपी एक्ट में संशोधन किया है। पिछले महीने इसे संसद से मंजूरी मिल चुकी है। अनंत सिंह संशोधन के बाद इस कानून के तहत पहले आरोपी बने हैं। उनके खिलाफ यूएपीए की धारा-13, विस्फोटक अधिनियम और आईपीसी की धारा 414, 120 बी के तहत बाढ़ थाने में केस दर्ज किया गया।
निर्दलीय विधायक अनंत सिंह की गिनती बिहार के बाहुबली नेताओं में होती है। अनंत कभी नीतीश के करीबी थे। वह 2005 में पहली बार जदयू के टिकट से चुनाव जीते। 2010 में भी वह जदयू के विधायक बने। 2015 के चुनाव से पहले हत्या के एक मामले में उन्हें जेल जाना पड़ा। इस दौरान जदयू ने अनंत सिंह को पार्टी से निलंबित कर दिया। जेल से ही अनंत सिंह ने चुनाव लड़ा और निर्दलीय विधायक बने।