लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश में बिगड़ती कानून-व्यवस्था, अपराध पर लगाम लगाने व विकास की रफ्तार बढ़ाने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की। इस बैठक में मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय, पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह और कई जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक समेत प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने इस दौरान अधिकारियों को ईमानदारी से काम करने की नसीहत दी।
मुख्यमंत्री ने इस बैठक में मुख्य रूप से पांच बिंदुओं पर चर्चा की। इनमें सबसे पहला एजेंडा महिला अपराध पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करना था। इसके अलावा योगी ने यातायात व्यवस्था, अपराधियों के खिलाफ विभिन्न मामलों में हुई कार्रवाई, भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई और अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई पर भी चर्चा की।
मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों के निर्देश दिए कि रोज एक घंटा यानि सुबह 9 बजे से 10 बजे तक लोगों के बीच में जाएं और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए बैठें। उन्होंने कहा कि लोगों से मिलने से ही सही फीडबैक मिलेगा और इसलिए आम जनता से संवाद बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि गरीब की भाषा गलत हो सकती है लेकिन भाव गलत नहीं होते, उन्हें समझने की जरूरत है।
योगी ने जिले से बाहर रहने वाले अधिकारियों को चेताया और कहा कि जिसकी जहां नियुक्ति हो वह वही निवास करे। जिले में नियुक्त अधिकारी जिले में, तहसील में नियुक्त अधिकारी तहसील में और ब्लॉक में नियुक्त अधिकारी ब्लॉक में ही रहें। उन्होंने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को भी निर्देश दिए कि वे रोजाना एक घंटा फील्ड में निरीक्षण करें। कभी विद्यालय में, कभी अस्पताल में, कभी ब्लॉक में जाएं और वहां की समस्याओं को देखे।
मुख्यमंत्री योगी ने पुलिस अधिकारियों से छोटे दिखने वाले अपराधों के प्रति भी संवेदनशील रहने के लिए कहा। उन्होंने कहा, ‘लोग आपके पास मुसीबत में आते हैं। उस पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए, उसे अनदेखा करके उसके निराशा को और बढ़ाने में आपकी भूमिका नहीं होनी चाहिए।’ मुख्यमंत्री योगी ने इसके साथ ही साफ-सुथरा चुनाव करवाने के लिए अधिकारियों की तारीफ की। उन्होंने बंगाल की तुलना करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में चुनाव के वक्त बंगाल हिंसा जैसा कोई मामला सामने नहीं आया।