लखनऊ डेस्क/ अयोध्या में राम मंदिर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में रोजाना सुनवाई के अलावा चल रहीं तरह-तरह की कवायदों के बीच यहां गुरुवार को इंडियन मुस्लिम फॉर पीस के बैनर तले बुद्धिजीवियों ने अयोध्या में विवादित भूमि का टुकड़ा केंद्र सरकार को दिए जाने की पैरोकारी की। अयोध्या मामले का अदालत से बाहर समाधान तलाशने के लिए मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने प्रदेश की राजधानी के एक होटल में बैठक की। इसमें प्रस्ताव रखा गया कि विवादित जमीन का टुकड़ा केंद्र सरकार को दे दिया जाना चाहिए।
बैठक में बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट में अगर मुस्लिम पक्ष जीत भी जाए, तब भी वे जमीन दे देने का प्रस्ताव रखेंगे, बशर्ते सरकार मुस्लिमों के अन्य धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। साथ ही, इस मामले का हल कोर्ट के बाहर बातचीत से निकाले जाने का प्रस्ताव भी रखा गया। बैठक में पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल जमीरउद्दीन शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत होगा, लेकिन बेहतर यह होगा कि आपसी सुलह से मामला हल हो जाए, ताकि हिंदू-मुस्लिम एकता बरकार रहे। उन्होंने कहा कि वह हिंदुस्तान में अमन के हिमायती हैं। देश में शांति व सद्भाव के लिए विवादित जमीन का टुकड़ा केंद्र सरकार को दे दिया जाना चाहिए।
पूर्व आईएएस अधिकारी अनीस अंसारी ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट भी चाह रहा है कि इस मसले का हल मध्यस्थ की मौजूदगी में बातचीत के जरिए निकाला जाना चाहिए। हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट हमें इतनी छूट दे कि बाबरी मस्जिद वाली जगह के बदले कहीं और मस्जिद बना लें।”उन्होंने कहा कि बाबर के जमाने से यह जमीन सरकार की थी। लिहाजा, यह जमीन केंद्र सरकार को दे दी जानी चाहिए। वह चाहे इसे जैसे भी इस्तेमाल में लाए।”