पटना डेस्क/ बिहार सरकार ने राज्य में शराब पीने और इसकी बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना निरस्त करने के पटना उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है |
वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन और अधिवक्ता केशव मोहन के जरिये उल्लेख की गई याचिका में शीर्ष अदालत से उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया जिसमें शराब पाबंदी की सरकारी अधिसूचना को निरस्त किया गया।
उच्च न्यायालय के 30 सितंबर के फैसले के खिलाफ अपील का प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने उल्लेख किया गया और पीठ ने बिहार सरकार के अनुरोध पर सहमति जताते हुए इसकी सुनवाई के लिये शुक्रवार का दिन तय किया।
हालांकि उच्च न्यायालय द्वारा शराब पाबंदी पर अधिसूचना रद्द करने के दो दिन बाद बिहार सरकार ने गांधी जयंती पर घर में शराब मिलने पर सभी वयस्कों को गिरफ्तार करने जैसे कड़े प्रावधानों के साथ शराब पर पाबंदी का नया कानून पेश किया था।
अपनी अधिसूचना में सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए बिहार शराब बंदी एवं आबकारी कानून 2016 को अधिसूचित किया था कि किसी भी तरह की शराब की बिक्री और इसे पीने पर पाबंदी राज्य में जारी रहे।