लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार की शाम को यहां लोकभवन में कैबिनेट की बैठक संपन्न हुई, जिसमें धरना, प्रदर्शन और बंद के नाम पर सार्वजनिक और निजी संपत्ति को क्षति पहुंचाने वाले उपद्रवियों से नुकसान की भरपाई का अध्यादेश पारित किया गया। अब उत्तर प्रदेश रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी अध्यादेश 2020 के तहत प्रदर्शन के नाम पर आगजनी और तोड़फोड़ के दोषी व्यक्तियों से वसूली की जाएगी।
सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह और वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने लोकभवन में पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि देश में राजनीतिक धरना, प्रदर्शन, बंद और हड़ताल के दौरान उपद्रवियों द्वारा सरकारी एवं निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है। इसके निवारण के लिए कड़े कानून की जरूरत है।
सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे प्रदर्शनों की वीडियोग्राफी, विवेचना एवं क्षतिपूर्ति के लिए दावा अधिकरण की स्थापना के निर्देश दिए थे। उसी संबंध में आज यह अध्यादेश कैबिनेट में लाया गया, जो सर्वसम्मति से पारित हुआ। बहुत जल्द ही इसकी नियमावली भी आएगी।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग और ओडीओपी के प्रोत्साहन के लिए प्रदेश की एमएसएमई से 25 फीसद सरकारी खरीद अनिवार्य होगी। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। केंद्र की गाइड लाइन के अनुसार, अब तक खरीद की अनिवार्यता 20 फीसद तक थी, पर यह खरीद देश की किसी भी एमएसएमई से की जा सकती थी।