नई दिल्ली डेस्क/ भारतीय वायुसेना ने सरकार को राडार और उपग्रह की तस्वीरें दी हैं जो पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविर में ‘‘लक्ष्यों’’ पर हवाई हमला और उसे ‘‘काफी क्षति’’ दिखाती हैं। रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने बुधवार को यह बात कही।
‘‘सबूतों’’ के बारे में सूत्र आधारित सूचना एक विदेशी संवाद समिति की उस खबर की पृष्ठभूमि में आयी है जिसमें दावा किया गया है कि बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद मदरसा की उपग्रह से ली गई तस्वीरों से पता चलता है कि वह अभी भी बरकरार है और इमारतें मौजूद हैं।
सूत्रों ने कहा कि सरकार को रविवार को 26 फरवरी को जैश-ए- मोहम्मद के शिविर पर किये गए हवाई हमले के सभी ‘‘सबूत’’ दिये गए। इसमें राडार और उपग्रह चित्र शामिल हैं जो दिखाते हैं कि एस..2000 लेजर निर्देशित बमों ने लक्ष्यों को निशाना बनाया जिससे काफी ‘‘आंतरिक क्षति’’ हुई।
सूत्रों के अनुसार एस..2000 के स्मार्ट बम लक्ष्यों को भेदते हैं और भीतर जाकर विस्फोट करते हैं।उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय वायुसेना ने जैश-ए-मोहम्मद के शिविर पर हमले के बाद उपग्रह से लिये गए चित्र स्वतंत्र स्रोतों से एकत्रित किये हैं ताकि उक्त अभियान के प्रभाव का आकलन किया जा सके। उन्होंने कहा कि वायुसेना ने उक्त तस्वीरें भी सरकार को सौंप दी हैं।
खबर में अप्रैल, 2018 की तस्वीर की चार मार्च 2019 को ली गई तस्वीर से तुलना की गई है, यह दिखाने के लिए कि यह व्यावहारिक रूप से अपरिवर्तित है। यह दावा बालाकोट में हवाई हमले में मारे गए व्यक्तियों की संख्या को लेकर बहस के बीच आया है।