लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। योगी सरकार के बहुप्रतिक्षित परियोजना पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण अब अधर में लटक गया है। कैबिनेट ने इस एक्सप्रेस-वे के सारे टेंडर निरस्त कर फिर टेंडर करवाने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार ने टेंडर की दरों को और कम करने के लिए टेंडर निरस्त किया है। जल्द ही नए सिरे से टेंडर जारी किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि अब शार्ट सिंगल प्रोसेस के जरिये नए टेंडर निकाले जाएंगे। इसके तहत वित्तिय एवं तकनीकी बिड एक ही साथ खोली जाएगी। इस प्रक्रिया में कुल लगभग 45 दिन का समय लग सकता है। हालांकि सरकार की तरफ से यह बताया गया कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए वर्तमान में जो टेंडर जारी किए गए थे, उनके मुताबिक दरें 10.7 प्रतिशत तक ही पहुंच पाई थी। नए टेंडर में यह टेंडर और नीचे गिर सकते हैं, जिससे पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे की लागत में और कमी आने का अनुमान है। श्रीकांत शर्मा ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में कुल 17 प्रस्ताव आये थे, जिन्हें अनुमोदित कर दिया गया।
उन्होंने बताया कि सरकार ने प्रदेश में बिजली की चोरी रोकने के लिए अब एंटी थिफ्ट थाने खोलने का फैसला किया है। यह यूपी के सभी 75 जिलों में खोले जाएंगे। इसके लिए अलग से पद सृजित किये जाएंगे और इसका पूरा खर्चा उत्तर प्रदेश पॉवर कार्पोरेशन लिमिटेड उठाएगा। शर्मा ने बताया कि एंटी थिफ्ट थाने में कुल 28 कर्मचारी तैनात किए जाएंगे, जिसमें एक इंस्पेक्टर, 5 उपनिरीक्षक, 11 हेड कांस्टेबल और 9 कांस्टेबल शामिल होंगे। इसमें दो कर्मचारी चतुर्थवर्ग से रखे जाएंगे।