जम्मू डेस्क /राज्य में हाल ही में हुए आतंकी हमलों की पृष्ठभूमि में 48 दिवसीय वाषिर्क अमरनाथ यात्रा आज कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू हो गई। उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने दक्षिण कश्मीर में हिमालय पर स्थित इस गुफा की ओर जाने वाले 1282 श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को रवाना किया। अमरनाथ के भगवती नगर इलाके :जम्मू शहर: की हवाई सुरक्षा के लिए पहली बार ड्रोनों का इस्तेमाल किया जा रहा है और दो मार्गों पर कम से कम 20 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।
सिंह ने कहा, ‘‘इस साल अमरनाथ यात्रा को निर्बाध और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।’’ पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि श्रद्धालुओं के पहले जत्थे में 990 पुरूष, 225 महिलाएं, 13 बच्चे और 144 साधु हैं। सीआरपीएफ के जवान आज सुबह पांच बजे भगवती नगर बेस कैंप से 33 वाहनों में सवार श्रद्धालुओं के काफिले को लेकर निकले। देश के विभिन्न हिस्सों से आए श्रद्धालु ‘बम-बम भोले’ का जयघोष करते हुए और भजन गाते हुए पहलगाम और बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना हुए। वहां से कल ये लोग 3888 मीटर उंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा के लिए रवाना होंगे।
राज्य कश्मीर घाटी में आतंकी हमलों की बढ़ी हुई घटनाओं और सुरक्षा बलों पर हमलों से जूझ रहा है। ऐसे में सुरक्षा प्रतिष्ठान के सामने अमरनाथ यात्रा के दौरान किसी अप्रिय घटना को रोकना और यात्रा को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न करवाना एक बड़ी चुनौती है। बीते 25 जून को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में और पूर्वोत्तर सोनमर्ग में स्थित दो मार्गों पर केंद्रीय अर्धसैन्य बलों के 12,500 और राज्य पुलिस के 8000 जवान तैनात किए जाएंगे। अमरनाथ यात्रा के लिए किए गए सुरक्षा प्रबंधों एवं स्थिति का जायजा लेने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह कश्मीर की दो दिवसीय यात्रा पर आ रहे हैं। वह गुफा में हिम शिवलिंग के प्रथम दर्शन में हिस्सा ले सकते हैं।