यूपी डेस्क/ उत्तर प्रदेश में 1500 करोड़ रुपए की लागत से 300 किमी की सड़कें नई तकनीक से बनाई जाएंगीं। यही नहीं प्रदेश में अब यूरोपीय देशो की तर्ज पर सड़कों पर रोड एम्बुलेंस दौड़ेंगीं। ये एंबुलेंस एक फोन पर सड़को को गढ्ढामुक्त करने के साथ ही जानवरों के शव आदि को हटाएंगीं। प्रदेश सरकार ने इसके लिए कॉल सेंटर बनाने जा रही है। ये कॉल सेंटर समय से सड़क निर्माण और उसकी गुणवत्ता दोनों सुनिश्चित करेंगे।
यूपी की सड़कों पर अब रोड क्वालिटी कंट्रोल और गढ्ढामुक्त सड़क के लिए बिहार की तर्ज पर रोड एम्बुलेंस जैसी सुविधा की शुरुआत होगी। प्रदेश में 2 लेन के राजमार्ग को 10 मीटर चौड़ा, प्रमुख जिला मार्गों को 7 मीटर चौड़ा किया जाएगा। सड़क की 5 साल की आयु की जगह अब 20 साल तक चलने वाली सड़कों का निर्माण यूपी में कराया जाएगा, जिसमें विशेष कैमिकल का इस्तेमाल कर सड़क को और मजबूत करने का काम किया जाएगा। आईआईटी संस्थानों के विशेषज्ञों की एक टीम गठित की जाएगी। ये टीम नई तकनीक से सड़क निर्माण की व्यवस्था को सुनिश्चित कराएगी। साथ ही एजेंसी या कॉन्ट्रेक्टर के उन सुझावों पर भी अमल करने की सिफारिश करेगी, जो यूपी में सड़क निर्माण को नई दिशा देने का काम करेंगे।
प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि नीदरलैंड की पैच वर्क रिपेयरिंग की तकनीक पर अमल करते हुए सड़कों को गड्ढामुक्त किया जा रहा है। पीएम मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ की नीति पर आगे बढ़ते हुए इस तकनीकि से जुड़ी मशीनों के अपने देश में ही निर्माण की व्यवस्था कराएंगे। उन्होंने कहा कि यूपी में अब बिहार की तर्ज पर रोड एम्बुलेंस जैसी सुविधा की शुरुआत होगी, आईटी का एक ग्रुप और कॉल सेंटर बनाया जाएगा जो कॉल पर की गई शिकायत के आधार पर ही सड़कों को गड्ढामुक्त करने में सहायक होगा।