नई दिल्ली डेस्क/ नौ बार से छिंदवाड़ा से सांसद कमलनाथ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री होंगे। कांग्रेस आलाकमान ने उनके नाम पर मुहर लगा दी। विधानसभा चुनाव से करीब छह महीने पहले कमलनाथ ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का जिम्मा संभाला था। कांग्रेस ने इस फैसले के साथ यह भी साफ कर दिया कि राज्य में कोई उप-मुख्यमंत्री नहीं होगा। कमलनाथ सोमवार १७ दिसंबर को भाेपाल के लाल परेड ग्राउंड पर शपथ लेंगे। माना यह जा रहा था कि कमलनाथ के सीएम बनने की स्थिति में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है। लेकिन बाद में यह साफ़ हो गया की मध्य प्रदेश में कोई डिप्टी सीएम नहीं होगा ।
इससे पहले गुरुवार दिनभर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आवास पर बैठकों के दौर चले। आलाकमान ने फैसला कर लिया, लेकिन कमलनाथ और सिंधिया को दिल्ली से भोपाल जाकर घोषणा करने को कहा। इस बीच, राजस्थान को लेकर सस्पेंस कायम है। अशोक गहलोत और सचिन पायलट मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। माना जा रहा है कि सोनिया गांधी की पसंद गहलोत हैं, लेकिन यह भी कहा जा रहा है कि पायलट इसके लिए राजी नहीं हैं। वहीं, छत्तीसगढ़ के मामले में राहुल आज फैसला करेंगे। वहां टीएस सिंहदेव का नाम आगे चल रहा है। भूपेश बघेल और ताम्रध्वज साहू भी दौड़ में हैं।
कमलनाथ ने मुख्यमंत्री के तौर पर अपने नाम का औपचारिक ऐलान होने के बाद कहा- मेरा पूरा प्रयास रहेगा कि मध्यप्रदेश की जनता के विश्वास के काबिल बना रहूं। कांग्रेस सरकार में मध्यप्रदेश सुरक्षित रहेगा। इस नई शुरुआत में मैं सभी को आश्वासन देना चाहता हूं कि हम अपने शपथ पत्र का हर वादा पूरा करेंगे। मध्यप्रदेश के मतदाताओं ने सच्चाई का साथ दिया। शपथ ग्रहण के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बारे में शुक्रवार को राज्यपाल से मुलाकात के बाद फैसला करेंगे। वहीं ज्योतिरादित्य ने दिल्ली से भोपाल रवाना होने से पहले कहा- ये कोई रेस नहीं है। ये कुर्सी के लिए नहीं है। हम सब यहां मध्यप्रदेश के लोगों की सेवा के लिए आए हैं।