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जासूस कासिम के बाद भाई असीम गिरफ्तार, 4 साल से PAK के लिए जासूसी कर रहा था असीम

नई दिल्ली
 भारत में रहकर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वालों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल का ऐक्शन जारी है। स्पेशल सेल ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में तीन दिन पहले राजस्थान के भरतपुर के पास डींग एरिया से कासिम नाम के शख्स की गिरफ्तारी की थी। स्पेशल सेल व बाकी इंटेलिजेंस एजेंसियों की पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए। उसकी निशानदेही पर स्पेशल सेल ने कासिम के भाई आसिम उर्फ हसीम को भी जासूसी के आरोप में पकड़ा है।

सूत्रों के मुताबिक, सेल की टीम को कासिम और आसिम के पाकिस्तान एजेंट से संपर्क में होने की सूचना मिली थी। सेल की टीम ने कई दिन की पूछताछ के बाद कासिम को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन तभी से इसका भाई आसिम फरार चल रहा था। स्पेशल सेल को शुक्रवार रात एक इनपुट मिला था। जिसके बाद उसे मेवात से गिरफ्तार कर लिया गया।

ISI के लिए की सिम की व्यवस्था!

सूत्रों के मुताबिक शुरुआती पूछताछ में उसने पाकिस्तान जाने और वहां से रुपये लेने, पाकिस्तान के लिए जासूसी करने की बात कबूल की है। जांच एजेंसियों को अंदेशा है कि कासिम और आसिम ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लोगों को भारतीय सिम भी मुहैया कराए थे, जिनका इस्तेमाल संवेदनशील जानकारियां जुटाने में किया जा रहा था। फिलहाल स्पेशल सेल की टीम दोनों भाइयों के संपर्कों को खंगाल रही है।
मोबाइल से डिलीट कर दिया डेटा

जांच ऐजेंसी से जुड़े सूत्र के मुताबिक आसिम उर्फ हसीम भी पाकिस्तान जा चुका है। इससे पहले वह बचपन में अपने पिता के साथ पाकिस्तान गया था। उसकी बुआ पाकिस्तान से है। आसिम भी अपने भाई की तरह ही इलाके में झाड़ फूंक, ताबीज का काम करता है। जांच एजेंसी को उसके पास से एक मोबाइल फोन मिला है। जिसमें से काफी डेटा व चैट डिलीट की जा चुकी है। मोबाइल फोन को फोरेंसिक जांच और डिलीट डेटा रिकवर करने के लिए एफएसएल भेजा है।

रिश्तेदारों से मिलने की आड़ में जाते थे PAK

उधर पुलिस ने कासिम से भी पूछताछ की है। वह पाकिस्तान में बैठे आकाओं को सेना, सरकारी संस्थानों और कुछ कट्टरवादी हिंदू नेताओं से जुड़ी अहम जानकारियां पहुंचा रहा था। बदले में उसे वहां से पैसा मिलता था। उसने भी अपने मोबाइल से चैट व अन्य डेटा डिलीट कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक कासिम और आसिम के रिश्तेदार पाकिस्तान में रहते हैं। दोनों उन्हीं से मिलने की आड़ में पाकिस्तान जाते थे। वहां जाने के बाद वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में आ गए। भारत लौटने के बाद भी उनके संपर्क में रहते हुए खुफिया जानकारियां लीक करते रहते थे। जांच ऐजेंसी इस बात का भी पता लगा रही है कि इन तक मनी ट्रांजेक्शन किस तरह से होता था। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या और भी लोग इस तरह की गतिविधि में शामिल हैं।

बड़ी मात्रा में पाकिस्तान भेजे गए मोबाइल सिम

कासिम को स्पेशल सेल ने गांव गनगोर, पहाड़ी, डीग राजस्थान से गुरुवार को गिरफ्तार किया। कासिम पर भारतीय सेना से जुड़ी खुफिया जानकारियां और सरकारी कार्यालय की संवेदनशील सूचनाएं पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई को पहुंचे का आरोप है। दरअसल, सेल को सितंबर 2024 में जानकारी मिली थी कि कुछ भारतीय मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल पाक खुफिया ऑपरेटिव द्वारा जासूसी के लिए किया जा रहा है। इन सिमकार्ड को भारत से पाकिस्तान भेजा गया है। इन नंबरों के जरिए वट्सऐप पर सेना व सरकार से जुड़ी गोपनीय जानकारियां इकट्ठा की जा रही हैं। छानबीन हुई तो भरतपुर निवासी कासिम का नाम सामने आया।

कासिम ने पाकिस्तान में ली जासूसी की ट्रेनिंग

पुलिस को छानबीन के दौरान पता चला कि कासिम ने दो बार पाकिस्तान का दौरा किया है। पहली बार वह अगस्त 2024 में पाकिस्तान गया था। इसके बाद दूसरी बार वह मार्च 2025 में पाकिस्तान गया। वह 90 दिनों तक वहां रहा और आईएसआई के लोगों ने उसे ट्रेनिंग दी। वह पाक खुफिया एजेंसी के कई बड़े लोगों से मिला। वहां उसको जासूसी करने के तरीकों के बारे में बताया गया।

 

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