पंचकूला/कालका
कालका-शिमला रेल खंड के जतोग-समरहिल रेलवे स्टेशन के बीच ब्रिज संख्या-800 की मरम्मत शुक्रवार से शुरू हो गई है। अब 12 जून तक इस रूट पर ट्रेंनों का आवागमन बाधित रहेगा। इस दौरान सिर्फ कालका से तारादेवी तक टॉय ट्रेनों का संचालन होगा। रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार इस दौरान 4 ट्रेन कालका से तारादेवी स्टेशन के बीच चलाई जाएगी।
रेल प्रशासन की ओर से यात्रियों की सुविधा के लिए हिमाचल परिवहन निगम के साथ समन्वय स्थापित कर तारा देवी एवं शिमला के बीच बसों का संचालन शुरू किया गय है। ट्रेनों की समय सारिणी के अनुसार 2 एचआरटीसी बसों का संचालन किया जा रहा है। इनका प्रति व्यक्ति यात्री किराया मात्र 22 रुपए तय किया गया है। ये बसें तारा देवी स्टेशन के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग पर उपलब्ध रहेंगी और इन बसों का संचालन आईएसबीटी शिमला तक किया जाएगा। यात्रियों को इस संबंध में सूचना उनके पीएनआर संख्या के माध्यम से मैसेज भेजकर दी गई है।
रअसल रेलवे ने चौदह दिनों तक जुटोग समर हिल सेक्शन पर ब्लॉक लिया है। कालका से शिमला तक दौड़ने वाली ट्रेन तारा देवी पर ही रुकेगी। इसके बाद यात्रियों को शिमला तक जाने में परेशानी होनी थी, इसलिए हिमाचल रोडवेज ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन की दो बसों से टाइअप हुआ है, जो तारा देवी से शिमला तक रेल यात्रियों को लेकर जाएगी। इससे किराया भी 22 रुपये प्रत्येक यात्री का तय किया गया है।
यह बसें तारादेवी स्टेशन के नजदीक राष्ट्रीय राजमार्ग पर उपलब्ध रहेंगी और इनका संचालन आइएसबीटी शिमला तक किया जाएगा। जिन यात्रियों की टिकट बुक है, उनको भी मोबाइल पर मैसेज भेजकर सूचना दी जा रही है। ट्रेन जब तारादेवी तक पहुंचेगी, उसी समय सारिणी के अनुसार ही बसें आगे जाएंगी। दैनिक जागरण ने 14 दिनों तक हैरिटेज शिमला यात्रा पर ब्रेक, बंद रहेगा ट्रैक शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था।
2.95 करोड़ से रेलवे पुल को करना है दुरुस्त
जुटोग रेल सेक्शन पर करीब दो साल पहले बादल फटने से पहाड़ी का एक हिस्सा बह गया था, जिसका असर रेलवे ट्रैक पर भी पड़ा था। जुटोग समर हिल सेक्शन बीच ट्रैक का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था।
अस्थायी रूप से रेलवे ने ट्रेनों का आवागमन शुरू करवा दिया था, लेकिन अब करीब 2 करोड़ 95 लाख रुपये की लागत से इस हिस्से को तैयार किया जा रहा है। चौदह दिनों में रेलवे चाहकर भी तारा देवी से शिमला तक अन्य वाहनों की व्यवस्था नहीं कर पा रहा था।
बता दें कि अगस्त 2023 में बादल फटने और भारी वर्षा कारण पहाड़ी का एक हिस्सा ढह जाने से विश्व धरोहर स्थल कालका-शिमला ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया।
शिमला में जुटोग और समर हिल रेलवे स्टेशनों के बीच पटरी का एक बड़ा हिस्सा बह गया था। यह पहाड़ी से नीचे लटक गया था, जबकि कंडाघाट-शिमला के बीच ट्रेनों की आवाजाही रद कर दी गई थी। बाद में अस्थायी रूप से व्यवस्था कर दी थी, लेकिन अब बरसातों से पहले रेलवे ने टेंडर अलाट किया है।
यूनेस्को ने चुना था विश्व धरोहर
सौ साल पुरानी कालका-शिमला रेल लाइन 96 किलोमीटर लंबी है, जो नैरोगेज है। इस रेलमार्ग को मूल रूप से यूरोपीय लोगों को शिमला (तत्कालीन ब्रिटिश भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी) तक पहुंचाने के लिए बनाया गया था। इसे यूनेस्को ने 2008 में विश्व धरोहर स्थल के रूप में चुना था।
इस सेक्शन पर गर्मियों के मौसम मेे देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी लोग आते हैं। खासकर कालका से शिमला ट्रेन का सफर काफी रोचक व दर्शनीय होता है।
यह ट्रेनें इस रूट पर दौड़ती हैं
कालका शिमला सेक्शन पर सात से अधिक ट्रेनें दौड़ती हैं। इन ट्रेनों में 52457, 52458, 52452, 52459, 52460, 52455, 52456 और 52451 हैं। अब इन ट्रेनों को 30 मई से 12 जून तक शिमला से पहले ही रद किया जाएगा।
इन ट्रेनों का होगा संचालन………….
ट्रेन संख्या कालका से प्रस्थान तारादेवी आगमन
52457 03:30 बजे 08:04 बजे
52459 07:00 बजे 11:20 बजे
52455 11:55 बजे 16:35 बजे
52451 05:45 बजे 10:03 बजे
ट्रेन संख्या तारादेवी से प्रस्थान कालका आगमन
52458 11:33 बजे 16:15 बजे
52452 17:57 बजे 22:15 बजे
52460 15:55 बजे 20:50 बजे
52456 19:12 बजे 23:30 बजे