लखनऊ डेस्क/ सत्ता संभालने के बाद से यूपी के मुख्यमंत्री याेगी अादित्यनाथ लगातार एक्शन में है। मंगलवार की शाम सीएम ने लखनऊ सचिवालय में गृह विभाग की अहम बैठक बुलाई। सचिवालय की पांचवीं मंजिल पर हुई इस मीटिंग में सीएम के नए फरमान से पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियाें के हाेश उड़ गए। बैठक में सीएम योगी ने निर्देश दिए कि जो भी पुलिसवाले भूमाफियाओं, वन माफियाओ, गो तस्करों और क्रिमिनल्स के साथ मिले हैं। उन्हें नौकरी से बर्खास्त किया जाना चाहिए। जो भी पुलिसवाले किसी भी तरह के क्राइम मे शामिल हैं, उन्हें पहचाना जाए और कार्रवाई हो। मुकदमा किया जाए। गांवों मे पुलिसवालों को पैदल गश्त करने के लिए कहा जाए, जिससे लोगों से जुड़ाव हो। नोएडा मे नाइजीरियन वाली घटना और लखनऊ में बढ़ती लूट की घटनाओं को गंभीरता से लेने को कहा। साथ ही कहा कि हर डीजी-एडीजी अपने तीन महीने के काम का रोड मैप तैयार करे और उसके हिसाब से काम करें।
योगी ने साथ ही कहा कि गो तस्करी को पूरी तरह से रोका जाये। किसी भी फरियादी को लेट ना किया जाए। थाने मे बैठने की व्यवस्था होनी चाहिए। फायर डिपार्टमेंट को हर ब्लॉक स्तर पर फायर टेंडर रखनी होगी ताकि किसानों की फसल मे लगने वाली आग पर फौरन काबू किया जा सके। पुलिसिंग मे बेहद सुधार की जरूरत है। लोगों का भरोसा कानून पर कायम करना होगा। जो भी अधिकारी लापरवाही करे उस पर फौरन एक्शन हो। ऑफिस देर से आने वाले को किसी भी कीमत पर ना बख्शा जाए। हर बड़े अधिकारी को औचक निरीक्षण करना होगा जिससे डर बना रहे। बैठक में प्रदेश भर के सभी आला अधिकारियों को तलब किया गया था। इनमें डीजी और एडीजी स्तर के सभी आईपीएस अफसर भी शामिल हुए। इसके अलावा राज्य के प्रमुख सचिव देवाशीष पांडा, डीजीपी जावीद अहमद और कई सीनियर आईपीएस अफसर भी मीटिंग में शरीक हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ साफ कर चुके हैं कि यूपी में अपराध कम करना उनकी सरकार के एजेंडे की प्राथमिकताओं में से एक है।