नई दिल्ली
ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सैनिकों ने पराक्रम दिखाया और पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को तबाह कर दिया। 100 से ज्यादा आतंकियों को मार डाला। लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप और ठिकानों को बर्बाद कर दिया। पाकिस्तान के कई एयरबेसों को नुकसान पहुंचाया, चार दिनों तक चले संघर्ष में अचानक अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ट्वीट करते हैं और बयान देते हैं कि हमारी मध्यस्थता से भारत और पाक सीजफायर पर सहमत हो गए हैं। कुछ देर बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी इसकी पुष्टि कर दी। इस पूरे घटनाक्रम पर जम्मू कश्मीर के पूर्व पुलिस महानिदेशक एसपी वैद ने निराशा जताई है। उन्होंने कहा- भारतीय होने के नाते मैं चाहता था कि हमारे सैनिकों को 2 से तीन दिन और मिलने चाहिए थे क्योंकि पाकिस्तान घुटनों पर था।
भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर को लेकर कई सुर उठ रहे हैं। भारत ने स्पष्ट किया है कि आतंकवाद के खिलाफ हमारा जीरो टॉलरेंस जारी है। पाकिस्तान की अगली किसी भी हरकत का कड़े से कड़ा जवाब दिया जाएगा। सीजफायर को लेकर भारत में सवाल भी उठ रहे हैं, कि कोई तीसरा देश कैसे सीजफायर का ऐलान कर सकता है? इस बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व पुलिस महानिदेशक एसपी वैद ने कहा है कि भारत को सैन्य अभियान के लिए कुछ और समय मिलना चाहिए था। वैद ने कहा, "एक भारतीय होने के नाते, मैं मानता हूं कि हमारी सशस्त्र सेनाओं को पाकिस्तान को पूरी तरह सबक सिखाने के लिए 2-3 दिन और चाहिए थे। पाकिस्तान पहले ही घुटनों पर था।"
भारतीय कदम की सराहना
हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि भारत की राजनीतिक नेतृत्व के पास कुछ ऐसे तथ्य और कूटनीतिक कारण रहे होंगे जो आम जनता को नहीं बताए गए। उन्होंने कहा, "ऐसे कई तथ्य होते हैं जो नेतृत्व जानता है। अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में कुछ विशेष परिस्थितियां होती हैं। सरकार को देशहित को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेने पड़ते हैं। देश केवल अहंकार से नहीं चलता, बल्कि दूरदृष्टि से चलता है।"
कश्मीर मुद्दे पर तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं"
ट्रंप ने सीजफायर के बाद फिर ट्वीट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे का भी जल्द समाधान निकलेगा। इस पर वेद ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "जहां तक कश्मीर मुद्दे का सवाल है, भारत की राजकीय नीति स्पष्ट है — हम किसी तीसरे पक्ष की दखल को स्वीकार नहीं करते। यह शिमला समझौते के अनुसार दो देशों के बीच का मसला है, जिसे आपसी बातचीत से ही सुलझाया जाना है।"
गौरतलब है कि एसपी वैद का यह बयान ऐसे समय आया है जब कई विश्लेषक और पूर्व सैन्य अधिकारी यह सवाल उठा रहे हैं कि पाकिस्तान के खिलाफ अभियान को अचानक क्यों रोका गया? वैद ने संतुलन साधते हुए कहा कि भले ही उन्हें लगता है कि कुछ और कार्रवाई की जा सकती थी, लेकिन सरकार की जिम्मेदारी वृहद राष्ट्रीय हित को देखते हुए निर्णय लेना है।
सिब्बल ने उठाई मांग- विशेष सत्र या सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए
कपिल सिब्बल ने एएनआई से बातचीत में कहा, "ट्रंप के इस ट्वीट को लेकर कई सवाल खड़े होंगे… भारत-पाकिस्तान के बीच जो समझ बनी, वो कैसे बनी, क्यों बनी, इसकी कोई जानकारी हमें नहीं दी गई है। इसलिए आज हम कोई आलोचना नहीं करेंगे, लेकिन सरकार से एक सीधी मांग जरूर कर रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर विशेष संसद सत्र और सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए। सिब्बल ने सभी विपक्षी दलों से अपील की कि वे तब तक सर्वदलीय बैठक में शामिल न हों, जब तक यह स्पष्ट न हो जाए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं उस बैठक में मौजूद रहेंगे।