नई दिल्ली
देश को नया मुख्य चुनाव आयुक्त मिल गया. ज्ञानेश कुमार को नया मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) नियुक्त किया गया है. कानून मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी. पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और विपक्ष के नेता राहुल गांधी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने एक बैठक की थी. इसी बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के उत्तराधिकारी के तौर पर ज्ञानेश कुमार को भारत का नया मुख्य चुनाव आयुक्त चुना गया. वहीं, हरियाणा के मुख्य सचिव विवेक जोशी को ज्ञानेश कुमार की पदोन्नति के बाद चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया. ज्ञानेश कुमार के साथ चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किए गए सुखबीर सिंह संधू अपने पद पर बने रहेंगे.
अब सवाल है कि आखिर नए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की राह कितनी मुश्किल और आसान रहने वाली है? दरअसल, ज्ञानेश कुमार के कार्यकाल में बहुत से अहम काम होने हैं. इनके कार्यकाल में न केवल अहम राज्यों के विधानसभा चुनाव हैं, बल्कि राष्ट्रपति चुनाव भी होने हैं. तो चलिए एक नजर मारते हैं कि ज्ञानेश कुमार के कार्यकाल में क्या-क्या चीजें होने वाली हैं.
पैनल में कौन-कौन था शामिल
सीईसी की नियुक्ति के लिए एक तीन सदस्यीय पैनल बना था। इस पैनल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी शामिल थे। राहुल गांधी ने इस प्रक्रिया को तब तक रोकने की मांग की जब तक सुप्रीम कोर्ट नई नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला नहीं सुनाता।
केंद्रीय गृह मंत्रालय में कर चुके हैं काम
1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अफसर ज्ञानेश कुमार केंद्रीय गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव रह चुके हैं। मई 2022 से वह अमित शाह के नेतृत्व वाले गृह मंत्रालय में सचिव के रूप में काम कर रहे थे। उन्होंने गृह मंत्रालय में पांच साल बिताए, जहां पहले वह मई 2016 से सितंबर 2018 तक संयुक्त सचिव रहे और फिर सितंबर 2018 से अप्रैल 2021 तक अतिरिक्त सचिव के रूप में अपनी सेवाएं दीं। आईएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार ने सहकारिता, संसदीय कार्य और रक्षा जैसे कई मंत्रालयों में सचिव के रूप में भी काम किया है।
अनुच्छेद 370 से है ये नाता
61 साल के ज्ञानेश कुमार अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने वाले विधेयक के मसौदे में शामिल थे। उस समय वे गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव थे और कश्मीर विभाग का नेतृत्व कर रहे थे। इसके साथ ही, उन्होंने तीन तलाक को समाप्त करने के लिए बनाई गई समिति में भी अहम भूमिका निभाई। जब यह विधेयक संसद में पेश किया गया, तब वे नियमित रूप से अमित शाह के साथ संसद जाते थे। केंद्रीय गृह मंत्रालय में अपने कार्यकाल के दौरान वह अयोध्या राम मंदिर निर्माण समिति के सदस्य भी रहे, जिसमें पूर्व आईएएस नृपेंद्र मिश्रा चेयरमैन थे। केंद्र सरकार ने उन्हें श्रीराम मंदिर तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट में अपने प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया था और वह राम मंदिर में भगवान श्रीराम की बाल स्वरूप मूर्ति के चयन के निर्णायक मंडल में भी शामिल थे।
कौन है आईएएस अफसर ज्ञानेश कुमार
ज्ञानेश कुमार का जन्म उत्तर प्रदेश के आगरा में 27 जनवरी 1964 को हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई वाराणसी और लखनऊ से की थी। इसके बाद उन्होंने कानपुर के भारतीय इंजीनियरिंग संस्थान से सिविल इंजीनियरिंग में बी-टेक की डिग्री प्राप्त की है और इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट्स ऑफ इंडिया से बिजनेस फाइनेंस की पढ़ाई भी की है। इसके अलावा, उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से एनवायरमेंटल इकोनॉमिक्स में भी पोस्ट ग्रेजुएशन किया।
2027 में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के कार्यकाल में होंगे.
आगामी बिहार, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, गोवा, पंजाब, यूपी, उत्तराखंड, मणिपुर, कर्नाटक, मेघालय, नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा, तेलंगाना, राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा के चुनाव ज्ञानेश कुमार के मुख्य चुनाव आयुक्त के कार्यकाल में ही होंगे.
इसके अलावा कई राज्यों में राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव भी होंगे.
अब जानते हैं कि कौन हैं ज्ञानेश कुमार
दरअसल, ज्ञानेश कुमार केरल कैडर के 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. ज्ञानेश कुमार तीन सदस्यीय पैनल के दो आयुक्तों में से सीनियर हैं. इसका नेतृत्व राजीव कुमार ने किया था. पैनल के दूसरे आयुक्त उत्तराखंड कैडर के अधिकारी सुखबीर सिंह संधू हैं. ज्ञानेश कुमार 1988 केरल कैडर के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं. इससे पहले वह संसदीय कार्य मंत्रालय और सहकारिता मंत्रालय में सचिव के पद पर कार्य कर चुके हैं. गृह मंत्रालय में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
कहां से की है पढ़ाई
जम्मू-कश्मीर मामलों को संभालने में ज्ञानेश कुमार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. जब 2019 में अनुच्छेद 370 को अप्रभावी घोषित किया गया था, तब वह गृह मंत्रालय में जम्मू-कश्मीर डेस्क के प्रभारी थे. उन्होंने केरल में विभिन्न पदों पर भी काम किया है. इनमें एर्नाकुलम के जिला कलेक्टर और केरल राज्य सहकारी बैंक के एमडी के पद शामिल हैं. उन्होंने आईआईटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री प्राप्त की है. आईसीएफएआई से बिजनेस फाइनेंस और हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पर्यावरण अर्थशास्त्र की पढ़ाई की है.