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टिपरा मोथा का अपनी ही सरकार को अल्टिमेटम, डीएम पर नहीं हुई कार्रवाई तो त्रिपुरा में लग जायेगा लॉकडाउन

त्रिपुरा 
युवा टिपरा फेडरेशन (वाईटीएफ) के हजारों कार्यकर्ताओं ने गोमती जिले के जिलाधिकारी (डीएम) के कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया और पार्टी सुप्रीमो प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा के प्रति कथित रूप से अनादर दिखाने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। गोमती जिले के जिलाधिकारी तारित कांति चकमा ने 25 मई की रात को टिपरा मोथा सुप्रीमो प्रद्योत किशोर माणिक्य से मिलने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद यह विवाद शुरू हो गया।

उस रात माणिक्य के साथ त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) के प्रमुख पूर्ण चंद्र जमातिया भी थे। इस घटनाक्रम को गंभीरता से लेते हुए उद्योग एवं वाणिज्य राज्य मंत्री बृषकेतु देबबर्मा के नेतृत्व में टिपरा मोथा के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री माणिक साहा से मुलाकात की और जिलाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के मुख्य सचिव जे के सिन्हा से मामले की जांच करने को कहा है। गोमती जिले में जिलाधिकारी कार्यालय के सामने करीब दो हजार वाईटीएफ कार्यकर्ता एकत्र हुए। भारी बारिश के बावजूद उन्होंने जिलाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।

टिपरा मोथा का कहना है कि पार्टी के चीफ महाराजा प्रद्योत किशोर माणिक्य देववर्मा का अपमान करना गंभीर मामला है। पार्टी की मांग है कि डीएम को सस्पेंड कर दिया जाए। वाईटीएफ के अध्यक्ष सूरज देववर्मा ने कहा, हम नहीं चाहते हैं कि सरकार की किसी गलती की सजा जनता को मिले। इसलिए यह बेहद गंभीर मामला है। सरकार को तत्काल डीएम को सस्पेंड कर देना चाहिए।

वहीं विधानसभा में विपक्ष के नेता जितेंद्र चौधरी ने कहा, हम इस बात की निंदा करते हैं कि गोमती के डीएम ने टिपरा मोथा के अध्यक्ष और त्रिपुरा ट्राइबल एरियाज ऑटोनोमस डिस्ट्रिक्ट काउंसलके चीफ पूर्ण चंद्र जमातिया से मुलाकात नहीं की। लेकिन इस बात की भी निंदा होनी चाहिए कि वाईटीएफ ने डीएम कार्यालय के गेट को ही बंद कर दिया और कामकाज में बाधा खड़ी की।

 

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