कानपुर डेस्क/ उत्तर प्रदेश के कानपुर में मुस्लिम समुदाय ने किसी भी अप्रिय घटना की संभावना से बचने के लिए इस साल मुहर्रम पर जुलूस नहीं निकालने का फैसला किया है।
कोविड-19 महामारी के कारण पिछले दो वर्षो को छोड़कर कई वर्षों से जुलूस को निकाला जा रहा है। हालांकि, इस साल जुलूस निकालने की संभावना थी, लेकिन मुस्लिम समुदाय ने जुलूस नहीं निकालने का फैसला किया है।
जुलूस में ज्यादातर लोग कुर्ता-पायजामा पहनते हैं, युवा पीठ और कंधों के बीच रस्सियों और घंटियों के साथ इमामबाड़ा, कर्बला और इमाम चौक पर जाते हैं और साथ ही हां हुसैन, या हुसैन के नारे लगाते हैं।
तंजीम निशान-ए-पाइक कासीद-ए-हुसैन के खलीफा शकील और तंजीम-अल-पाइक कासिद-ए-हुसैन के लोगों से चंदा लेकर हर साल जुलूस निकालते हैं। जुलूस के वर्तमान प्रभारी कफील कुरैशी ने कहा कि इस साल मुहर्रम के मौके पर जुलूस नहीं निकाला जाएगा।
उन्होंने कहा, शहर के माहौल को ध्यान में रखते हुए इस साल जुलूस नहीं निकालने का फैसला किया गया है। हमने लोगों से इस मोहर्रम में अपने घरों में नमाज अदा करने और शहर में शांति बनाए रखने में मदद करने की अपील की है। ऐसा ही फैसला खलीफा शकील ने लिया है।
खलीफा शकील ने कहा, इस साल जुलूस नहीं निकलेगा। प्रशासन को भी इस बारे में अवगत करा दिया गया है। 3 जून की हिंसा के बाद शहर के माहौल को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। हमने लोगों से कहा है कि वे ऐसे किसी भी काम में शामिल न हों, जिससे शहर की कानून व्यवस्था प्रभावित हो।