लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश सरकार ने रविवार को स्पष्ट किया कि राज्य में राशन कार्ड सरेंडर करने या रद्द करने के संबंध में कोई नया आदेश जारी नहीं किया गया है।
मीडिया के कुछ वर्गो में इस संबंध में प्रसारित भ्रामक और झूठी रिपोर्टों का खंडन करते हुए राज्य के खाद्य आयुक्त सौरव बाबू ने कहा कि राशनकार्ड सत्यापन एक सामान्य प्रक्रिया है जो समय समय पर चलती है और राशन कार्ड सरेंडर करने और नई पात्रता शर्तो के संबंध में निराधार रिपोर्ट प्रसारित की जा रही हैं।
उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि घरेलू राशन कार्डो की पात्रता/अपात्रता मानदंड 2014 में निर्धारित किया गया था और तब से कोई नया परिवर्तन नहीं किया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी कार्ड धारक को सरकारी योजना के तहत पक्का घर होने, बिजली कनेक्शन या एकमात्र हथियार लाइसेंस धारक या मोटर साइकिल मालिक होने और मुर्गी पालन/गाय पालन में लगे होने के आधार पर अपात्र घोषित नहीं किया जा सकता।
इसी तरह, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 और अन्य प्रचलित आदेशों के अनुसार, अपात्र कार्ड धारकों से वसूली का कोई प्रावधान निर्धारित नहीं किया गया है और वसूली के संबंध में सरकारी स्तर या खाद्य आयुक्त कार्यालय से कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है।
विभाग द्वारा अब तक राज्य में पात्र लाभार्थियों को कुल 29.53 लाख नए राशन कार्ड जारी किए जा चुके हैं।