TIL Desk लखनऊ:👉 69000 शिक्षक भर्ती आरक्षण विसंगति मामले को लेकर आंदोलन रत अभ्यर्थियों ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से रविवार को लखनऊ स्थित उनके आवास पर जाकर मुलाकात की। अभ्यर्थियों ने बताया के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मामले को सुनने के बाद सकारात्मक आश्वासन दिया है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले को लेकर सरकार गंभीर है और यह मामला कोर्ट में भी चल रहा है कोर्ट का जैसा दिशा निर्देश मिलेगा तत्काल उसका पालन किया जाएगा। उन्होंने अभ्यर्थियों को आश्वासन देते हुए कहा कि सभी लोग सकारात्मक रहे किसी के हक अधिकार के साथ कोई अन्याय नहीं होगा सभी को न्याय मिलेगा।
आरक्षण विसंगति प्रकरण पर अभ्यर्थियों ने कहा कि विभाग के अधिकारी इस मामले को लटकाये हुए हैं। विभागीय अधिकारी शिक्षा मंत्री को भी सही जानकारी नहीं देते जिस कारण से यह मामला दिन प्रतिदिन बढ़ता चला जा रहा। अधिकारीयों का यही रवैया कोर्ट में भी है।
मुलाक़ात के प्रतिनिधिमंडल में शामिल अमरेंद्र पटेल ने उपमुख्यमंत्री को बताया की 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में घोर अनियमितता बरती गई जिस कारण आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नौकरी से वंचित कर दिया गया। इस संबंध में कई बार आंदोलन के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लिया और विसंगति दूर करते हुए पीड़ित दलित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने आदेश अधिकारियों को दिया था, जिसके आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने विसंगति को सुधारने के उपरांत 6800 दलित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का वादा करते हुए एक सूची जारी की लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिल सका।
हमारी मांग है की सरकार इस मामले का त्वरित समाधान निकाले और सभी 6800 चयनित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों का हक अधिकार देते हुए उनकी नियुक्ति करें।