TIL Desk Ayodhya/ अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट 500 वर्षो में राम मंदिर के बलिदानि हुतात्माओं की शांति के लिए 13 अक्तूबर पितृ अमावस्या के दिन सरयू तट राम की पैड़ी पर दीप दान करेगा। इससे पूर्व पितृ पक्ष की शुरुआत से हुतात्माओं की शांति के लिए राम मंदिर में पूजन किया गया है। ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने बताया की 500 सालों में बहुत से लोगो ने राम मंदिर के बलिदान दिया है। उनकी आत्मा की शांति के लिए 13 अक्तूबर शुक्रवार शाम 6 बजे 7 बजे तक ज्ञात अज्ञात बलिदानियों के लिए राम की पैड़ी पर दीप दान किया जायेगा। नवरात्रि में भी राम जन्मभूमि मंदिर में भगवती आराधना का कार्यक्रम कांचिकामकोट पीठ पीठाधीश्वर शंकराचार्य जगद्गुरु विजयेंद्र सरस्वती के दो विद्वान हुतात्माओ के लिए देवी आराधना करेंगे।
चंपत राय ने बताया की एफसीआरए के तहत प्रवासी भारतीयों से चंदा प्राप्त करने के लिए आवेदन किया गया है। जल्दी स्वीकृत मिल जायेगी। चंपत राय ने बताया की अक्षत पूजन के लिए 5 नवंबर को सभी प्रांतों के दो-दो लोगो को अयोध्या बुलाया गया है। उनको पूजित अक्षत की दो थैलियां जिसका वजन 5 किलो होगा उसे प्रदान किया जाएगा। उसमे प्रांत के लोग और अक्षत मिलाएंगे । जिसे 1 जनवरी से 15 जनवरी तक घरों में वितरित किया जायेगा। प्रांतों में एक पत्र का वितरण होगा जिसमे सूचना होगी की अपने आस पास उत्सव मनाए। मंदिर को सजाएं, टेलीविजन के माध्यम से आप अयोध्या के उत्सव को देख सके ऐसी व्यवस्था की जाए। आरती पूजन करें और प्रसाद का वितरण करे। प्राण प्रतिष्ठा के दिन शाम को घर की चौखट पर दीपोत्सव करें दीप जलाए, जिसकी जैसी श्रद्धा उतना दीपक जले। ट्रस्ट का लक्ष्य है की 5 लाख मंदिर, करोड़ों घरों में दीपक जले। सभी आयोजन मंदिर केंद्रित हो, सड़क चौराहों पर व्यवधान ठीक नहीं, सामाजिक व्यवस्था ठीक रहे।
चंपत राय ने बताया की प्राण प्रतिष्ठा के बाद का दिन 26 जनवरी से 22 फरवरी तक हर प्रांत की इकाई को तारीख निश्चित कर अयोध्या आमंत्रण किया जायेगा। राम मंदिर दर्शन, सारे भारत को सुनिश्चित तिथियों में विभाजन कर आमंत्रित किया गया है। भारत के बाहर रहने वाले विदेशी प्रवासी राम भक्तों से निवेदन है की 26 जनवरी के बाद अयोध्या आने की योजना बनाए। अगर वह अमेरिका से, कनाडा से है तो अपने अपने देश की तारीख तय कर बताए , ट्रस्ट विदेशी भक्तो से तालमेल के लिए टेलीफोन से संपर्क कर रहा है।