- ‘आग़ाज़’ में खासतौर पर मशहूर शायरों के कलाम प्रस्तुत होंगे
TIL Desk कानपुर :👉गुम होती जा रही गज़ल गायकी को प्रोत्साहित करने के लिये एक खास सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘आग़ाज़’ का आयोजन शनिवार 28 दिसंबर को यूनाइटेड पब्लिक स्कूल, सिविल लाइंस के ऑडिटोरियम में शाम छह से रात आठ बजे तक किया गया है। ‘शालिनी स्कूल एंड कल्चरल सोसाइटी‘ के बैनर पर होने वाले ‘आग़ाज़़’ कार्यक्रम में खासतौर पर मशहूर शायरों के कलाम गाये जायेंगे। यह जानकारी आयोजक संस्था शालिनी स्कूल एंड कल्चरल सोसाइटी की संस्थापिका एंव मशहूर ठुमरी व गज़ल गायिका डॉ. शालिनी वेद त्रिपाठी ने आज पत्रकार वार्ता में दी। उन्होेंने पत्रकारों को बताया कि महानगर में यह अपने तरह का अलग गज़ल प्रोग्राम होगा। ‘आग़ाज़़’ के आयोजन का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को गीत-संगीत की मुख्य धारा से जोड़ना है।
उन्होंने बताया कि तकरीबन डेढ़ घंटे के प्रोगाम ‘आग़ाज़़’ में ख्यातिप्राप्त शायरों के कलाम वह स्वंय श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत करेंगी। उनके अलावा आग़ाज़-2024 में एक नये उभरते गायक मोहित को मंच प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में गज़ले बहुत कम सुनी जा रही हैं, बहुत कम गाई जा रही हैं। गज़लों को अपने पुराने कल्चर में लौटाने का यह एक प्रयास है। मशहूर गायिका डॉ. शालिनी वेद त्रिपाठी ने बताया कि ज्यादातर गज़ले रागों में होंगी और उनकी व्याख्या बताते हुये गाया जायेगा। गायकी के दौरान श्रोताओं को इस जानकारी से अवगत कि गज़ल किस राग पर आधारित है। इस तरह से यह एक एजूकेशनल प्रोगाम भी होगा। तबले पर निशांत, सारंगी पर जिशान खान, हरमोनियम पर राजकुमार सिंह, पैड पर रोशन ओर कीबोड सिंथेजाइज़र पर ऋषिराज संगत करेंगे।
डॉ.शालिनी त्रिपाठी ने बताया कि शालिनी स्कूल एंड कल्चरल सोसाइटी पिछले कई वर्षों से सांस्कृतिक गतिविधियों के प्रसार के लिये कार्य कर रही है। युवा वर्ग को मंच देने और उनमें सांस्कृतिक चेतना का समावेश करने के लिये 2008 से संस्था अनेक गतिविधियां करती आ रही है। पिछले सालों में युवाओं को मंच और प्रोत्साहन देने के लिेय सिर्फ कानपुर ही नहीं मुंबई और दिल्ली में भी नृत्य व गीत-संगीत के कार्यक्रम किये गये हैं। पत्रकार वार्ता में संस्था की सदस्य डॉ. रीता वर्मा व रूपीना मिश्रा भी मौजूद थीं।