TIL Desk Lucknow:👉जब दीप जले आना जब शाम ढले आना… जैसे महकते हुए गीत फ़िजा में जब शाम लक्ष्मणपुर अवध महोत्सव की सातवीं सांस्कृतिक संध्या में बिखरे तो लोग झूम उठे। इसके पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि राजेश कुमार सिंह विशेष सचिव नमामी गंगे ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह, उपाध्यक्ष एन. बी. सिंह और प्रिया पाल ने मुख्य अतिथि राजेश कुमार सिंह विशेष सचिव नमामी गंगे और गायक जावेद खान को पुष्पगुच्छ, अंग वस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।
हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर की तरह जैसे अन्य सदाबहार नग्मों और ग़ज़लों को डॉ0 दिनेश कुमार श्रीवास्तव, अविनाश कुमार, नारायण चांदवानी, रीना, मुकेश श्रीवास्तव, अनूप केशवानी, उषा पांडेय, विनय, रिचा, अनिल सचान, वंदना पांडेय, अजय पांडेय, सुधीर श्रीवास्तव, ईशान श्रीवास्तव, अंशिका खरे, अनूप केशवानी, अनिल मंगलानी, राम गुलाम गुप्ता सहित अन्य कलाकारों ने सुनाकर कलाप्रेमी श्रोता-दर्शकों को देर तक अपने आकर्षण के जाल में बांधे रखा।
मन को मोह लेने वाली इस पेशकश के उपरांत आर्या नंदिनी ने अमी जे तोमर पर भावपूर्ण अभिनय युक्त प्रस्तुत कर दर्शकों को भावविभोर कर दिया। इसके अलावा आराध्या सिंह, अंशिका गुप्ता, शमा प्रवीन, आयत जहां, सृष्टि यादव, शिवांया सहित अन्य कलाकारों ने सैंया मिले लरकैंया में पर अवधी लोक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया।
लक्ष्मणपुर अवध महोत्सव में रेजन वुड व पीतल की मूर्तियों संग सहारनपुर की काष्ठ कला दर्शकों को लुभा रही है
भगवान श्रीराम के लघु अनुज वीरवर लक्ष्मण जी की नगरी अवध में चल रहे लक्ष्मणपुर अवध महोत्सव में रेजन वुड व पीतल नगरी की मूर्तियों संग सहारनपुर की काष्ठ कला दर्शकों को लुभा रही है।
अवध शिल्प ग्राम के खुले क्षेत्र में चल रहे लक्ष्मणपुर अवध महोत्सव में वैसे तो कई दिल लुभाने वाली चीजें लोगों को आकर्षित कर रहीं हैं, लेकिन इससे इतर रेजन वुड्स से बने भगवान गणेश, भगवान शिव, भगवान कृष्ण,भगवान विष्णु, भगवान बुद्ध की मूर्तियों सहित कछुए, बत्तख, सांरस, चिड़िया आदि अन्य चीजें दर्शकों को लुभा रही है। दिल्ली से आये रेजन वुड्स के कारीगर कुशल शुक्ला ने बताया कि यह सब एक विशेष प्रकार की लकड़ी रेजन से बनाई जाती है।
महोत्सव में पीतल नगरी मुरादाबाद के बर्तन और मूर्तियां सहित फैंसी आयटम दर्शकों को काफी पसंद आ रहे हैं। फर्नीचर के लिए विख्यात राजस्थान के जोधपुर के नक्काशीदार टेबल, कुर्सी, बेड, टेबल लैम्प, सिंगार दान, फैमिली झूले और बाँस-बरेली के नाम से प्रसिद्ध बरेली के बेंत के बने फर्नीचर भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। इसके अलावा भदोही की कालीन, मैट, कुशन और डोर मैट आकर्षण का केंद्र बने हैं। लक्ष्मणपुर अवध महोत्सव में बड़ों एवं बच्चों के लिए शैलम्बो, ड्रेगन ट्रेन, नाव, ब्रेक डांस, नैनों सहित अन्य खास तरह के झूले कौतूहल का विषय बने हुए हैं।