TIL Desk Lucknow/ शैक्षिक अवसरों और सांस्कृतिक संबंधों के लिए यूके के इंटरनेशनल आर्गेनाइजेशन ब्रिटिश काउंसिल ने यूके के विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी में एस.टी.ई.एम (STEM) कार्यक्रम में महिलाओं के लिए ब्रिटिश काउंसिल स्कॉलरशप्सि शुरू करने की घोषणा की है। यह प्रतिष्ठित स्कॉलरशप यूके में मास्टर्स की पढ़ाई करने की इच्छुक महिला एस.टी.ई.एम (STEM) स्नातकों के लिए डिज़ाइन की गई है।
एस.टी.ई.एम (STEM) क्षेत्रों में महिलाओं की उपस्थिति विविधता को बढ़ावा देने, विभिन्न दृष्टिकोण सुनिश्चित करने और इनोवेशन को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक है। उनकी उपस्थिति न केवल लैंगिक असमानताओं को संबोधित करती है बल्कि वर्कफोर्स को अद्वितीय कौशल से समृद्ध करती है, अंततः समाज के लाभ के लिए वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति को आगे बढ़ाती है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट 2023 के अनुसार, भारत के एस.टी.ई.एम (STEM) वर्कफोर्स में महिलाओं की हिस्सेदारी 27% है। यह एक छोटे से अंश का प्रतिनिधित्व करता है, यह देखते हुए कि भारत में एस.टी.ई.एम (STEM) स्नातकों में लगभग 43% महिलाएं हैं।
भारत और अन्य दक्षिण एशियाई देशों की महिला एस.टी.ई.एम (STEM) विद्वानों के लिए 25 स्कॉलरशिप्स आरक्षित हैं। ये यूके के पांच उच्च शिक्षा संस्थानों में हैं – क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी ऑफ़ लंदन, एंग्लिया रस्किन यूनिवर्सिटी, ग्रीनविच यूनिवर्सिटी, द यूनिवर्सिटी ऑफ़ साउथैम्पटन और कोवेंट्री यूनिवर्सिटी। स्कॉलरशिप्स लाभार्थियों को एस.टी.ई.एम (STEM) में अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए सशक्त बनाएंगी और उन्हें यूके के प्रतिष्ठित एस.टी.ई.एम (STEM) क्षेत्रों की विशेषज्ञता में डुबो कर अपने देश में रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देने की क्षमता प्रदान करेंगी। यूके वर्तमान में उपयुक्त अनुसंधान के लिए दुनिया में तीसरे स्थान पर है, यूके के सभी प्रकाशनों में से 55.2% अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान सहयोग के प्रोडक्ट हैं।