नई दिल्ली डेस्क/ दिल्ली सरकार ने नए वाहन खरीदारों को उनके पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के बाद रोड टैक्स में रियायत प्रदान करने की मंजूरी दी है। दिल्ली सरकार द्वारा शुक्रवार को इस प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दी जा चुकी है और अब यह नीति दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा अंतिम अनुमोदन के बाद लागू होगी। दिल्ली सरकार पुराने वाहन के स्क्रैपिंग के दौरान जारी ‘सर्टिफिकेशन ऑफ डिपॉजिट’ प्रस्तुत करने पर नए वाहन खरीदार को गैर-ट्रांसपोर्ट वाहनों के लिए अधिकतम 25 प्रतिशत और ट्रांसपोर्ट वाहनों के मामले में 15 प्रतिशत की छूट प्रदान करेगी।
पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग होने पर सरकार द्वारा पंजीकृत स्क्रैपिंग सेंटर द्वारा ‘सर्टिफिकेशन ऑफ डिपॉजिट’ जारी किया जाएगा। गैर-परिवहन वाहनों के लिए रियायत नए वाहन की कीमत और ईंधन के प्रकार के आधार पर 8 से 25 प्रतिशत तक होगी। 5 लाख रुपये तक के वाहनों की कीमत के लागत स्लैब में पेट्रोल व सीएनजी ईंधन के मामलों में मोटर वाहन टैक्स में 25 प्रतिशत तक की अधिकतम रियायत मिलेगी। डीजल ईंधन के मामलों में मोटर वाहन कर में 20 प्रतिशत तक की अधिकतम रियायत मिलेगी।
5 लाख से ऊपर 10 लाख तक की कीमत के वाहनों में पेट्रोल व सीएनजी ईंधन के मामलों में मोटर वाहन टैक्स में 20 प्रतिशत तक की अधिकतम रियायत मिलेगी वहीं डीजल ईंधन के मामलों में मोटर वाहन कर में 15 फीसदी तक की अधिकतम रियायत मिलेगी। 10 लाख से अधिक और 20 लाख तक की कीमत के वाहनों में पेट्रोल व सीएनजी ईंधन के मामलों में मोटर वाहन कर में 15 प्रतिशत तक की अधिकतम रियायत मिलेगी वहीं डीजल ईंधन के मामलों में मोटर वाहन कर में 10 प्रतिशत तक की अधिकतम रियायत मिलेगी।
20 लाख से ऊपर के वाहनों की कीमत में पेट्रोल व सीएनजी ईंधन के मामलों में मोटर वाहन कर में 12.5 प्रतिशत तक की अधिकतम रियायत मिलेगी वहीं डीजल ईंधन के मामलों में मोटर वाहन कर में 8 प्रतिशत तक की अधिकतम रियायत मिलेगी। सर्टिफिकेशन ऑफ डिपॉजिट प्रस्तुत करने पर नए परिवहन (वाणिज्यिक) वाहनों की खरीद पर मोटर वाहन कर रियायत, नए वाहनों के पंजीकरण के समय भुगतान किए गए कुल मोटर वाहन कर का 15 प्रतिशत होगा। पॉलिसी के तहत दी गई रोड टैक्स में छूट केवल उन वाहनों की श्रेणी के लिए दी जाएगी, जिनके लिए पंजीकरण प्राधिकरण को सर्टिफिकेशन ऑफ डिपॉजिट प्रस्तुत किया जाएगा। परिवहन वाहनों के मामले में आठ साल तक और गैर-परिवहन वाहनों के मामले में पंद्रह साल तक रियायत उपलब्ध होगी और इन अवधि के बाद कोई रियायत उपलब्ध नहीं होगी।