भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भोपाल के अचारपुरा औद्योगिक क्षेत्र में मेडिटेक टेक्सटाइल सेक्टर की पहली अत्याधुनिक यूनिट का निर्माण कार्य तेज़ी से चल रहा है। उन्होंने इसे मध्यप्रदेश के औद्योगिक विकास का नया अध्याय बताते हुए कहा कि टेक्नोलॉजी आधारित उत्पादन इकाइयों का आना, इस बात का प्रमाण है कि प्रदेश अब पारंपरिक के साथ विशेषीकृत और उच्च गुणवत्ता वाले उद्योगों के लिए भी पसंदीदा स्थल बन चुका है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस यूनिट से न केवल भोपाल बल्कि पूरे प्रदेश को उद्योग के क्षेत्र में नई पहचान मिलेगी। मेडिटेक टेक्सटाइल सेक्टर का यह निवेश, मध्यप्रदेश को मेडिकल टेक्सटाइल, हाईजीन और हेल्थ सपोर्टिंग टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नई ऊंचाई देगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्पष्ट कहा कि राज्य सरकार निवेश लाने की नीति पर नहीं, निवेश को जमीन पर उतारने की कार्य संस्कृति पर काम कर रही है।
इस यूनिट का निर्माण जर्मनी की विश्व प्रसिद्ध टीडब्ल्यूई ग्रुप और भारत के अनुभवी ओबीटी ग्रुप के संयुक्त सहयोग से किया जा रहा है। टीडब्ल्यूई ओबीटी प्रा. लि. नामक यह कंपनी अचारपुरा में लगभग 160 करोड़ रु. की लागत से उच्च तकनीक आधारित उत्पादन संयंत्र स्थापित कर रही है। यूनिट में महिलाओं और बच्चों के हाईजीन उत्पादों में प्रयुक्त टेक्सटाइल कंपोनेंट्स जैसे ADL, टॉप शीट और बैक शीट का निर्माण किया जाएगा।
इन उत्पादों की भारत में अब तक आयात पर निर्भरता रही है। यह यूनिट चालू होने पर देश को आत्मनिर्भर बनाएगी और मेडिटेक टेक्सटाइल उत्पादों में 'मेक इन इंडिया' को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में स्थापित करेगी। उत्पादन के पहले चरण में ही 200 से अधिक लोगों को रोजगार मिलने जा रहा है, वहीं यूनिट के स्केल बढ़ने पर यह संख्या कई गुना तक पहुंचने की संभावना है।
प्रदेश सरकार द्वारा विकसित अचारपुरा इंडस्ट्रियल एरिया में यह यूनिट एक उदाहरण बनेगी कि कैसे सुव्यवस्थित बुनियादी ढांचा और उद्योगों के अनुकूल माहौल किसी भी वैश्विक निवेशक के लिए भरोसे का केंद्र बन सकता है। कंपनी ने उपलब्ध ज़मीन, बिजली, परिवहन और अन्य सुविधाओं को निर्माण के लिए उपयुक्त बताया है। तकनीकी मानकों पर यह यूनिट भारत में अपने क्षेत्र की पहली अत्याधुनिक फैक्ट्री होगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने स्पष्ट विजन के साथ नई औद्योगिक रणनीति अपनाई है जिसमें ‘निवेश और निर्माण’ को साथ लेकर चलना प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि निवेशक अब मध्यप्रदेश में तेज़ फैसलों, सहज प्रक्रियाओं और भरोसेमंद माहौल के चलते बड़े निर्णय ले रहे हैं। मेडिटेक टेक्सटाइल जैसे अत्याधुनिक क्षेत्र में इस तरह का निवेश इसी विश्वास का परिणाम है।
यूनिट के निर्माण में ग्रीन बिल्डिंग और पर्यावरणीय संतुलन का भी विशेष ध्यान रखा गया है। यहां बिना बॉयलर के संचालन होगा और उत्पादन प्रक्रिया से जल अथवा वायु प्रदूषण नहीं होगा। हाईजीन और हेल्थ सेक्टर से जुड़ी यह यूनिट स्वच्छ भारत और आत्मनिर्भर भारत की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रही है।
टीडब्ल्यूई ओबीटी प्रा. लि. की ओर से बताया गया कि यह यूनिट पूरे देश में उनकी पहली और प्रमुख इकाई होगी। यह मेडिटेक टेक्सटाइल के क्षेत्र में देश में तकनीकी उत्पादन की शुरुआत मानी जाएगी। जर्मनी से उच्च स्तरीय तकनीकी सहयोग के साथ यह यूनिट भारतीय टेक्सटाइल सेक्टर के लिए एक नई दिशा तय करेगी।
राज्य सरकार इस यूनिट को टेक्सटाइल ओडीओपी, पीएम मित्र पार्क और क्लस्टर पॉलिसी से जोड़कर क्षेत्रीय विकास की संभावनाओं को और सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है। टेक्सटाइल सेक्टर में मध्यप्रदेश को पहले से ही राष्ट्रीय पहचान प्राप्त है और अब मेडिटेक, टेक्निकल और हाईजीन टेक्सटाइल में यह यूनिट उस पहचान को वैश्विक स्तर पर विस्तार देने वाली है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आने वाले वर्षों में मध्यप्रदेश मेडिटेक टेक्सटाइल जैसे उच्च श्रेणी के उत्पादों के लिए एक हब के रूप में स्थापित होगा, जहां नवाचार, तकनीक और रोजगार तीनों साथ-साथ आगे बढ़ेंगे। यह निवेश केवल एक यूनिट नहीं बल्कि राज्य के औद्योगिक भविष्य का मजबूत संकेत है।