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दिल्ली : बजट सत्र के पहले दिन डीटीसी पर सीएजी रिपोर्ट पेश, जानें कितने घाटे में डीटीसी

नई दिल्ली
 दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से शुरू हुआ। इस बजट सत्र में रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार अपना पहला बार बजट पेश करेंगी। बजट सत्र में डीटीसी पर सीएजी रिपोर्ट को सदन में रखा गया। शराब घोटाले के साथ ही मोहल्ला क्लीनिक के बाद सीएजी की यह तीसरी रिपोर्ट है। सीएम रेखा गुप्ता की तरफ से दिल्ली परिवहन निगम के कामकाज को लेकर सीएजी की इस रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखा गया।
रिपोर्ट पर चर्चा में होगा हंगामा

सीएम रेखा गुप्ता की तरफ से डीटीसी के कामकाज को लेकर रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद हंगामा होना तय है। इससे पहले बीजेपी लगातार आम आदमी पार्टी को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरती रही है। अब सदन में बीजेपी नेता भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी पर निशाना साधेंगे। बीजेपी पहले ही डीटीसी की इलेक्ट्रिक बसों की खरीद में हुए घोटाले को लेकर आप सरकार पर सवाल उठा चुकी है।

डीटीसी पर सीएजी रिपोर्ट में क्या है?

डीटीसी पर सीएजी को लेकर करीब एक महीने पहले रिपोर्ट आई थी। रिपोर्ट में दिल्ली परिवहन निगम की वित्तीय समस्याओं के बढ़ने की बात कही गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, 2015-16 में डीटीसी का कुल घाटा 25,300 करोड़ रुपये से बढ़कर 2021-22 में 60,750 करोड़ रुपये हो गया है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की एक रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2022 तक, निगम ने 3,937 बसें संचालित कीं, जो आवश्यक 5,500 से काफी कम थीं।

भाजपा विधायकों ने कहा है कि वे भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ‘आप’ को घेरेंगे और शहर में 10 साल के शासन के दौरान डीटीसी के कामकाज पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट पर 'आप' से जवाब मांगेंगे।

मुख्यमंत्री के साथ वित्त विभाग संभाल रहीं रेखा गुप्ता मंगलवार 25 मार्च को दिल्ली विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपनी सरकार का पहला बजट पेश करेंगी। इसमें सरकार की वित्तीय प्राथमिकताओं और वर्ष के लिए विकास एजेंडे की रूपरेखा बताई जाएगी। 27 मार्च को प्रस्तावित बजट पर चर्चा के साथ उसे विधानसभा में पारित किया जाएगा।

बता दें कि, भाजपा पिछले महीने विधानसभा चुनाव में ‘आप’ को हराकर 1998 के बाद दिल्ली की सत्ता में लौटी है। ‘आप’ ने एक बयान में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘गारंटियों’ को पूरा न करके महिलाओं के साथ ‘विश्वासघात’ करने और लोकतंत्र पर ‘ खुल्लमखुल्ला हमला’ करने को लेकर वह विधानसभा में भाजपा को घेरेगी।

विपक्ष की नेता आतिशी ने कहा कि भाजपा ने पिछली ‘आप’ सरकार से अधिशेष बजट विरासत में मिलने के बावजूद वित्तीय सहायता देने से इनकार करके दिल्ली की महिलाओं के साथ विश्वासघात किया है। हम इस विश्वासघात को विधानसभा के साथ-साथ सड़कों पर और हर घर में उजागर करेंगे।

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने वादा किया था कि वह महिला समृद्धि योजना के तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये देगी। दिल्ली सरकार ने इस योजना के लिए 5,100 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं, लेकिन लाभार्थियों का रजिस्ट्रेशन अभी तक शुरू नहीं हुआ है। आतिशी ने भाजपा पर दिल्ली विधानसभा में ‘तानाशाही’ करने तथा जनता के मुद्दे उठाने पर विपक्षी विधायकों को निलंबित कर देने का आरोप लगाया।

2009 से नहीं बढ़ा डीटीसी का किराया

डीटीसी उपलब्ध धन के बावजूद अपने बेड़े का विस्तार करने में विफल रही है। 2007 में, दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि निगम के पास 11,000 बसें होनी चाहिए, लेकिन 2012 में, दिल्ली कैबिनेट ने 5,500 का संशोधित लक्ष्य निर्धारित किया। डीटीसी की कुल बसों में से 1,770 ओवरएज थीं, जिनमें लो-फ्लोर बसें 10 साल से अधिक सेवा दे चुकी थीं। इन्हें जल्द ही चरणबद्ध तरीके से बंद होने करना है। 2009 से किराया नहीं बढ़ाना इसके वित्तीय संघर्ष का एक बड़ा कारण रहा है। कई बार अनुरोध करने के बावजूद, दिल्ली सरकार ने किराया वृद्धि को मंजूरी नहीं दी।

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