TIL Desk Lucknow/ नेशनल आर्ट एंड क्राफ्ट सिल्क एक्सपो की 17 दिवसीय सिल्क एक्सपो 23 दिसंबर,2022 को प्रारंभ हुई, जिसमें देश के विभिन्न, राज्यों के 150 से अधिक हस्तकला और नेशनल आर्टिजन व सिल्क बुनकरों की बुनाई कला को प्रदर्शित किया जा रहा है। प्रदर्शनी का उद्घाटन, उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक राज्यमंत्री, दानिश आजाद अंसारी, के द्वारा दीप प्रज्वलित कर के किया गया।
नेशनल आर्ट एंड क्राफ्ट सिल्क एक्सपो के आयोजक आशीष कुमार गुप्ता ने बताया कि “ संस्थान द्वारा आयोजित नेशनल आर्ट एंड क्राफ्ट सिल्क एक्सपो, कथा मैदान, रेल नगर, बंगला बाज़ार, आशियाना, लखनऊ में देश भर से आए सिल्क बुनकरों व डिजाईनरो ने अपने अपने प्रदेश संस्कृति काव्य और त्यौहार को सिल्क पर छापा है | प्रदर्शनी में गुजरात की पटोला सिल्क , तेलांगना की उपाडा सिल्क तमिलनाडु की कांजीवरम सिल्क , महाराष्ट्र की पैठानी सिल्क, पर गई कलाकारी लोगो को अपनी ओर खीच रही है | आयोजक श्री आशीष कुमार गुप्ता ने बताया कि कथा मैदान, रेल नगर , बंगला बाज़ार, आशियाना, लखनऊ में आयोजित नेशनल आर्ट एंड क्राफ्ट सिल्क एक्सपो का मकसद देशभर के सिल्क उत्पादों को एक ही छत के तले प्रदर्शनी करना है | यह प्रदर्शनी 8 जनवरी 2023 तक सुबह 10:30 से रात्रि 9:30 तक चलेगी | ”
तमिलनाडु से आए बुनकर 1 ग्राम सोने की जरी से तैयार साड़ी लेकर आऐ है इस ट्रेडिशनल कांजीवरम साड़ी को बनाने में 2 माह का समय लगा है आंध्रा के पोचमपल्ली से आए डिजाईनर ने सिल्क पर ग्रामीणों के जनजीवन को ऊकेरा है | गांवो के मेले खेतो में जाती बैलगाड़ी के द्रश्य और आदिवासी जनजीवन की झलक सिल्क को खास बना रही है इसी साड़ियो को लद्दाख के त्रिपुड़ा में भेड़ो के बाल को सूतकर बनाया जाता है और फिर इन पर पेंटिंग की जाती है | साड़ियो पर बनी डिजाईन में कश्मीरी केशर की डिजाईन के साथ ही कश्मीरी कहावा भी है | इस प्रदर्शनी में 5000 से अधिक वैरायटियों की सिल्क साड़ियां, सूट, ड्रेस मटेरियल इत्यादि का प्रदर्शन किया जा रहा है।
प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ से कोसा, घिचा, मलबरी रॅा सिल्क, एब्लॉक प्रिंटेड सिल्क साड़ी, गुजरात से बान्धनी, पाटोला कच्छ एम्ब्रोयडरी , मिरर वर्क एवं डिजाइनर कुर्ती , मध्य प्रदेश से चंदेरी सिल्क साडी सूट एवं बनारसी सिल्क , तान्चोयी सिल्क, मैसूर सिल्क की साड़ीयो के साथ धर्मावरम तस्सर, ढाका, वही डिजाइनर ब्लाउज , सलवार सूट भी है l साड़ी और सूट की वैरायटी के साथ विंटर कलेक्शन तथा पश्मीना शाल की भारी रेंज भी उपलब्ध है | असम की मूंगा सिल्क साड़ियां भी गृहणियों को आकर्षित कर रही है। इस प्रदर्शनी में कश्मीर के बुनकरों के सिल्क के कारपेट, पश्मीना शाल, साड़ियां, कलकत्ता के कारीगर कमल मटका सिल्क, कांतावर्क ,शिफॉन, मूंगा, मस्राइज,मटका रेशम की साड़ी यहां प्रदर्शित की गई है। हैंडी क्राफ्ट खुर्जाकी पॉटरी, सहारनपुर के एंटीक फनीचर आदि है।