TIL Desk लखनऊ:लखनऊ बंगाली वेलफेयर सोसाइटी ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से हिंदू-बंगाली समुदाय, पर हो रहा अत्याचारों के विरोध में एक शांतिपूर्ण कैंडल मार्च का आयोजन किया। यह मार्च हिंदी संस्थान से शुरू होकर गांधी स्मारक, हजरतगंज चौराहा तक चला, जो न्याय, शांति और मानवता के लिए हमारी सामूहिक मांग का प्रतीक था।
सैकड़ों प्रतिभागियों, जिनमें समाज के प्रमुख सदस्य भी शामिल थे, ने इन अल्पसंख्यकों पर हो रहे हिंसा, उत्पीड़न और विस्थापन की कड़ी निंदा करते हुए एकजुटता व्यक्त की। मार्च ने यह स्पष्ट किया कि इन कमज समुदायों की सुरक्षा और उनके मूलभूत अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्य है।
इस अवसर पर, बंगाली वेलफेयर सोसाइटी ने भारत सरकार के समक्ष निम्नलिखित 10 मांगें प्रस्तुत कीं, जिनपर तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए:
1. अंतरराष्ट्रीय मंचों पर निंदाः भारत सरकार को संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक मंचों पर बांग्लादेश में अल्पसंख्यक पर हो रहे अत्याचारों को उठाना चाहिए और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग करनी चाहिए।
2. कूटनीतिक दबाव: बांग्लादेश सरकार पर यह सुनिश्चित करने के लिए कूटनीतिक दबाव डाला जाए कि अल्पसंख्यकों के जीवन, संपत्ति और धार्मिक अधिकारों की रक्षा हो।
3. शरणार्थी सहायताः बांग्लादेश से उत्पीड़न के कारण भागने वाले अल्पसंख्यकों के लिए विशेष कार्यक्रम किए जाएं, ताकि उन्हें भारत में सुरक्षित शरण मिल सके।
4. मानवीय सहायताः विस्थापित अल्पसंख्यकों को भोजन, आश्रय और चिकित्सा सहायता तुरंत प्रदान की |
5. मानवाधिकारों की निगरानी: बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे मानवाधिकार उल्लंघनों की निगरानी और रिपोर्टिंग के लिए एक विशेष समिति बनाई जाए।
6. संरक्षण और पुनर्स्थापन में मदद की जाए।
7. 1971 की संधि का कार्यान्वयनः 1971 की भारत-बांग्लादेश मैत्री संधि को दोबारा लागू किया जाए और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाए।
8. शरणार्थियों के लिए विशेष कानूनः भारत में बांग्लादेशी शरणार्थियों के सम्मान और अधिकारों की रक्षा के लिए विशेष कानून बनाए जाएं। 9
9. जागरूकता अभियानः बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की दुर्दशा पर लोगों को जागरूक करने और सांप्रदायिक सौहार्द बढ़ाने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान चलाए जाएं। सुरक्षा और अधिकारों पर ध्यान बनाए रखा जा सके।
10. निरंतर संवादः बांग्लादेश सरकार के साथ एक स्थायी संवाद तंत्र शुरू किया जाए |
बंगाली वेलफेयर सोसाइटी न्याय और मानवता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है। हम भारत सरकार से आग्रह करते हैं कि वह इस संकट को गंभीरता से ले और यह सुनिश्चित करे कि बांग्लादेश में अल्पसंख्खीक गरिमा, सुरक्षा और शांति के साथ जीवन जी सकें।
हम इस नेक के काम में शामिल होने और कैंडल मार्च को सफल बनाने के लिए सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हैं। मिलकर हम इन गंभीर मुद्दों पर ध्यान आकर्षित कर सकते हैं और एक न्यायपूर्ण और समावेशी समाज के लिए कार्य कर सकते हैं।