लखनऊ डेस्क/ लखनऊ के होटल लेवाना सूट, जिसमें 5 सितंबर को लगी आग में चार लोगों की मौत हो गई थी, को अगले महीने ध्वस्त कर दिया जाएगा। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) कोर्ट (गैर-न्यायिक) ने अवैध निर्माण के आरोप में होटल मालिकों को नोटिस जारी कर बिल्डिंग को 9 दिसंबर तक खुद ही गिराने को कहा है, ऐसा न करने पर प्राधिकरण अधिकारी आवश्यक कार्रवाई करेंगे और मालिकों से लागत वसूल करेंगे। उच्च न्यायालय ने 9 सितंबर को होटल में 5 सितंबर को आग लगने की घटना का स्वत: संज्ञान लिया था, जिसमें चार लोगों की जान चली गई थी।
होटल की तीसरी मंजिल पर भीषण आग लगने से 19 लोग घायल हो गए, जहां दुर्घटना के समय लगभग 30 लोग मौजूद थे। न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव की खंडपीठ ने एलडीए, अग्निशमन विभाग और राज्य सरकार को वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में आग की घटनाओं को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में उचित जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। घटना की जांच करने वाली टीम ने पाया कि होटल का नक्शा पारित नहीं किया गया था और यह भूमि उपयोग को व्यावसायिक उपयोग में परिवर्तित किए बिना अवैध रूप से चल रहा था। चारों मृतकों के परिवार के सदस्यों गुरनूर आनंद, साहिबा कौर, बॉबी अमन गाजी और सरविका सिंह ने होटल मालिक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
एलडीए के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी ने कहा: यदि कोई बिल्डिंग बिना नक्शे के बनायी गयी है, तो विकास प्राधिकरण को बिल्िंडग मालिक को विध्वंस नोटिस भेजने का अधिकार है। यदि नोटिस का कोई जवाब नहीं आता है, तो प्राधिकरण संपत्ति को ध्वस्त कर सकता है। हालांकि, लेवाना सूट के मालिकों में से एक सुमेर अग्रवाल ने प्राधिकरण के दावों का खंडन करते हुए कहा, हमने होटल से संबंधित सभी कागजात एलडीए अदालत में जमा कर दिए हैं। इस पर एलडीए की मुहर के साथ नक्शा स्वीकृत है।