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डिजिटल अरेस्ट का नया तरीका, कोरियर में ड्रग्स, ऑनलाइन FIR के बाद मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप

गुड़गांव
इन दिनों ठगी के लिए साइबर अपराधी अलग अलग तरीके अपना रहे हैं। प्लान ए के लागू न होने पर प्लान बी और सी भी तैयार कर लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं। प्रलोभन में न फंसने वाले को डिजिटल अरेस्ट कर बैंक खाता फ्रीज करने का भी डर दिखाकर ठगी कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला साइबर थाना मानेसर पुलिस ने दर्ज किया है। पुलिस को दी शिकायत में मूल रूप से बिहार के रहने वाले रमन कुमार सिंह ने बताया कि वह मानेसर में रहते हैं और डेन्सो हरियाणा कंपनी में कार्यरत हैं। 3 फरवरी को उनके पास एक अज्ञात नंबर से कॉल आया और कॉल करने वाले ने एक कोरियर कस्टम में अटकने की बात ही। इस कोरियर में क्रेडिट कार्ड, पास पोर्ट सहित ड्रग्स होने की बात कही। जब रमन ने यह कोरियर उसका होने से इंकार किया तो आरोपियों ने अपना प्लान बी एग्जीक्यूट कर दिया। इसके बाद साइबर अपराधियों ने रमन को झांसे में लेने के लिए कहा कि उसकी आईडी का कोई मिसयूज कर रहा है।

ऐसे में वह उसे पुलिस से कनेक्ट कर रहे हैं ताकि उसकी आईडी मिसयूज करने की ऑनलाइन एफआईआर की जाए। करीब तीन घंटे तक वीडियो कॉल पर कथित पुलिसकर्मी से बात करने के बाद उसकी एफआईआर दर्ज होने की बात कही गई। इसके साथ ही उसे यह भी बताया गया कि उसका बैंक खाता अवैध गतिविधियों में संलिप्त है और कोई मिसयूज कर उसके बैंक खाते को मनी लॉन्ड्रिंग में प्रयोग कर रहा है। इस बारे में पुख्ता सबूत होने की भी बात कहते हुए बैंक खाता फ्रीज करने की बात कही गई। साथ ही आरोपियों ने उसे बचने का रास्ता बताते हुए एक वकील से भी कनेक्ट कर दिया।

जिसने भी बैंक खाता फ्रीज होने के लिए कोर्ट ऑर्डर होने की बात कही और उसके बैंक खाते में मौजूद रुपए ट्रांसफर कराए और झांसा दिया कि कुछ ही देर में यह रुपए वापस आ जाएंगे। अपनी जान बचाने के लिए रमन ने अपने खाते में मौजूद रुपए ट्रांसफर कर दिए। बाद में उसे पता लगा कि वह साइबर ठगों के जाल में फंस गया और अपनी सारी जमा पूंजी गवां चुका। इस पर उसने साइबर अपराध पुलिस को शिकायत दी। फरवरी माह में दी गई शिकायत पर पुलिस ने करीब ढाई महीने तक जांच की और अब केस दर्ज किया है। पुलिस की मानें तो मामले की जांच की जा रही है।

 

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