State, Uttar Pradesh, हिंदी न्यूज़

मनोरोग और नशा-मुक्ति (व्यसन) से संबंधित उपचार के लिए एनएबीएच सर्टिफिकेट पाने वाला निर्वाण अस्पताल बना देश का पहला अस्पताल

मनोरोग और नशा-मुक्ति (व्यसन) से संबंधित उपचार के लिए एनएबीएच सर्टिफिकेट पाने वाला निर्वाण अस्पताल बना देश का पहला अस्पताल

स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में कुछ सबसे जटिल मानसिक स्वास्थ्य मामलों का होता है इलाज, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर है अस्पताल की विश्वसनीयता

TIL Desk Lucknow/ मनोरोग और व्यसनों से संबंधित उपचार के लिए प्रख्यात राजधानी में रिंग रोड पर स्थित निर्वाण अस्पताल ने महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। अस्पताल नेशनल एक्रीडिएशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स (एनएबीएच) से मान्यता प्राप्त करने वाला भारत का पहला 100 बिस्तरों वाला अस्पताल बन गया है। अपने योग्य डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस समर्पित टीम के साथ निर्वाण अस्पताल 15 से अधिक मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों के लिए सभी आयु वर्ग के रोगियों के लिए विशेष देखभाल प्रदान करता है।

एनएबीएच मान्यता विशेष रूप से केवल उस अस्पताल को दी जाती है, जो उत्कृष्ट उपचार प्रदान करता है। यह मान्यता इस बात का परिचायक है कि निर्वाण अस्पताल सुरक्षित वातावरण में मानसिक स्वास्थ्य और व्यसन के उपचार के लिए उत्कृष्ट देखभाल देने के लिए समर्पित है। यह सर्टिफिकेशन इस बात की पुष्टि करता है कि निर्वाण अस्पताल में मरीजों को एक बेहद सुरक्षित व संरक्षित वातावरण में देखभाल प्रदान किया जाता है।

निर्वाण अस्पताल के संस्थापक और एमडी डॉ. एच.के. अग्रवाल के दूरदर्शी नेतृत्व व कुशल मार्गदर्शन में अस्पताल में यह सुनिश्चित किया जाता है कि मरीजों को बेहतर उपचार परिणाम देने के लिए समर्पित, प्रशिक्षित और योग्य चिकित्सा कर्मचारियों की उपलब्धता हमेशा बनी रहे। एनएबीएच मान्यता प्राप्त करके, निर्वाण अस्पताल ने निरंतर सुधार और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं को उपलब्ध कराने के अपने अटूट समर्पण को प्रदर्शित किया है।

निर्वाण अस्पताल में रोगियों को विभिन्न प्रकार की मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों के लिए विशेष देखभाल प्राप्त होती है। एंजायटी, बाइपोलर डिसऑर्डर, डिप्रेशन, शराब, स्मैक, इन्जेक्शन व नशीली दवाओं की लत, ऑटिज्म, डिमेंशिया, पर्सनेलिटी डिसऑर्डर, ईटिंग डिसऑर्डर, ओसीडी, स्कीजोफ़्रेनिया , एपिलेप्सी व पुराने दर्द के लिए अस्पताल के डॉक्टरों, मनोचिकित्सकों, मनोवैज्ञानिकों और परामर्शदाताओं की विशेषज्ञ टीम व्यापक उपचार व समाधान प्रदान करती है।

निर्वाण अस्पताल के निदेशक डॉ. प्रांजल अग्रवाल ने बताया कि हर मरीज की उसके रोग के हिसाब से अपनी जरूरतें होती हैं। हमारे विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम मरीज की जरूरतों के हिसाब से इलाज व समाधान प्रदान करते हैं। अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए विभिन्न प्रकार के एकोमोडेशन(बेड) की सुविधा प्रदान की जाती है, जैसे जनरल वार्ड, वातानुकूलित जनरल वार्ड, डीलक्स और सुपर डीलक्स रूम्स और एक्जीक्यूटिव कमरे। अस्पताल में महिलाओं के लिए अलग वार्ड बना हुआ है। निर्वाण अस्पताल में मरीजों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए अंतर्राष्ट्रीय मानकों वाले कंट्रोल एवं कमांड सेंटर की स्थापना की गई है, जो चौबीसों घण्टे कड़ी निगरानी बनाए रखता है।

निर्वाण अस्पताल में मरीजों की समग्र चिकित्सा सुनिश्चित करने के लिए, एक संतुलित आहार, शारीरिक गतिविधि और ग्रुप थेरेपी इलाज का अभिन्न अंग हैं। अस्पताल के भोजनालय में इन-हाउस डायटिशियंस की देखरेख में पौष्टिक भोजन तैयार किया जाता है। वहीं अस्पताल में भर्ती रोगियों के योग हेतु ओपन एयर स्पेस, व्यायाम हेतु वेल इक्विप्ड जिम्नेजियम, ग्रुप थेरेपी हाल इत्यादि की सुविधा प्रदान करते हैं, यह सभी रोगियों के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण सुधार में सहायक होते हैं।

निर्वाण अस्पताल द्वारा हासिल की गई एनएबीएच की मान्यता, मनोरोग और व्यसन संबंधी बीमारियों के लिए सकारात्मक उपचार व परिणाम देने वाले एक समर्पित सेवा संगठन के रूप में इसकी एक अलग पहचान स्थापित करती है। अस्पताल को एनएबीएच द्वारा मान्यता मिलने के बाद से इसके द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं में सामुदायिक विश्वास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, क्योंकि यह मान्यता रोगियों के उपचार व देखभाल में दी जाने वाली उच्च गुणवत्ता सेवा का प्रमाण है।

निर्वाण अस्पताल अक्सर मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित जटिल मामलों के रोगी आते है, जिसमें रोगियों को शुरू में किसी अन्य शारीरिक बीमारी होने का भ्रम होता। ऐसे ही एक हालिया मामले में लखनऊ की एक 20 वर्षीया महिला रोगी आई थी, जिसके पेट में असहनीय दर्द की शिकायत थी। उसे कई गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट और अस्पतालों में दिखाया गया। इसके बावजूद उसके दर्द की स्थिति बरकार रही। विगत अप्रैल महीने में जब उसे इलाज के लिए निर्वाण अस्पताल लाया गया तो डॉक्टरों ने पाया कि उसके पेट में बालों का एक गुच्छा एकत्र हुआ पड़ा था। बालों के गुच्छे के कारण ही लगातार दर्द बना हुआ था। यह एक दुर्लभ मानसिक स्थिति है, जिसे ट्रिकोटिलोमेनिया के रूप में जाना जाता है। ट्रिकोटिलोमेनिया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें लोगों को अपने शरीर के बाल निकालने की तीव्र इच्छा होती है। निर्वाण अस्पताल में मनोचिकित्सक और मेडिकल डायरेक्टर डॉ. दीप्तांशु हनु अग्रवाल ने अपनी विशेषज्ञता से इसका सही निदान किया और उनके द्वारा दी दवा और सहायक उपचारों के माध्यम से रोगी अब बिल्कुल स्वस्थ है।

इसके अलावा, निर्वाण अस्पताल के मेडिकल प्रोफेशनल्स के पास अक्सर शराब, धूम्रपान और गांजा/भांग के अत्यधिक सेवन के कारण उत्पन्न यौन विकारों से पीड़ित युवा वयस्क आते हैं। यह आमतौर पर 40 वर्ष से कम उम्र के होते हैं और अक्सर यौन इच्छा में कमी के कारण अवसाद और चिंता का अनुभव करते हैं। निर्वाण अस्पताल में, इन रोगियों को इन स्थितियों से उबरने के लिए दवा और अमूल्य मानसिक सहायता सहित व्यापक उपचार प्रदान किया जाता है।

निर्वाण हॉस्पिटल भविष्य में मरीजों की देखभाल और उपचार में और भी बेहतरी लाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए योजना बना रहा है। ये सभी विशेष उपचार रोगियों को न केवल बेहतर महसूस करने में मदद करेंगे बल्कि उन्हें जल्दी स्वस्थ होने में भी मदद करेंगे। इससे मानसिक स्वास्थ्य और व्यसनों का इलाज में लोगों की मदद करने के लिए निर्वाण हॉस्पिटल को एक नया मुकाम हासिल होगा |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *